नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा के साथ नियमित शिक्षक के समान बेतन औऱ सेवा शर्त लागू करे सरकार—विजय कुमार सिन्हा

33 0

नियोजित शिक्षकों के लिए विभागीय परीक्षा छलाबा, सीधा समायोजन हो,

नई शिक्षक नियमावली और बी पी एस सी की परीक्षा रद्द कर समाधान हेतु सर्बदलीय वैठक बुलाये सरकार,

नियोजित शिक्षकों पर आंदोलन के दौरान मुकदमा वापस हो।

पटना, 6 जुलाई 2023

भाजपा विधानमंडल दल के नेता श्री विजय कुमार सिन्हा ने बयान जारी कर कहा है कि सरकार नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देते हुए उन्हें नियमित शिक्षकों के समान वेतन औऱ सेवा शर्ते लागू करते हुए सीधा समायोजन करें।

श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ महागठबंधन के नेताओं की बैठक के बाद विभिन्न दलों के नेताओं के बयान से यही लग रहा है कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ फिर से छलाबा करने जा रही है।इस बैठक में शिक्षक संघ के नेताओं को भी आमंत्रित नहीं किया गया।नियोजित शिक्षकों की माँग जायज है।यदि सरकार गम्भीर है तो इन्हें सीधा समायोजित किया जाय औऱ नियमित शिक्षकों के समान वेतन औऱ सेवा शर्तों को लागू की जाय।एक बार फिर विभागीय परीक्षा के आधार पर इन्हें राज्यकर्मी का दर्जा देने की सरकार की मंशा इन्हें अटकाने भटकाने के लिए खेल का हिस्सा है।

श्री सिन्हा ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में नई शिक्षक नियमाबली सरकार के षड़यंत्र का हिस्सा है।जबतक इसे रद्द कर बी पी एस सी की आगामी परीक्षा पर रोक नहीं लगाई जायगी, सरकार की नीयत पर संदेह बना रहेगा।नई नियमावली के तहत बहाली की प्रक्रिया को जारी रखते हुए सरकार नियोजित शिक्षकों पर दवाब बनाना चाहती है ताकि नियोजित शिक्षकों के आधे अधूरे माँगो को मानकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा सके।नई शिक्षक नियमावली औऱ बी पी एस सी की परीक्षा को रद्द कर सरकार को सर्बदलीय वैठक बुलानी चाहिए जिससे समस्या का समाधान हो सके।

श्री सिन्हा ने शिक्षकों की वहाली में पुराना डोमिसाइल नीति को लागू करने की माँग करते हुए कहा कि बिहार के अभ्यर्थियों के हित में सरकार शीघ्र निर्णय ले।आंदोलन के दौरान सैकड़ो नियोजित शिक्षकों पर मुकदमा भी किया गया जिसे सरकार वापस ले।साथ उस अबधि के कटे हुए वेतन भी जारी किया जाय।

श्री सिन्हा ने नियोजित शिक्षकों के साथ सरकार का सौतेला व्यवहार पर कहा कि अपने ही कार्यकाल में नियुक्त इन शिक्षकों को नीचा दिखाने की कार्रवाई सही नहीं है।नियोजित शिक्षकों के साथ साथ वित्त रहित विद्यालय/महाविद्यालय के शिक्षकों/व्याख्याताओं के साथ भी सरकार को सम्मानपूर्ण व्यबहार करना चाहिए ताकि राज्य की वदहाल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में उनका उत्साह पूर्ण योगदान हो सके।सोच समझकर अच्छे शिक्षा मंत्री वनाने की भी आवश्यकता राज्य के लोग महसूस कर रहे हैं ताकि शिक्षा विभाग कुरुक्षेत्र का मैदान न होकर बिद्या मंदिर की गरिमा प्राप्त कर सके।

Related Post

BJP-JDU फिर आई आमने-सामने, संजय जायसवाल ने छुरा घोपने का लगाया आरोप, कुशवाहा ने किया ये सवाल

Posted by - जनवरी 12, 2022 0
संजय जायसवाल ने कहा, ” मुझे आश्चर्य तब होता है जब कुछ समझदार राजनैतिक कार्यकर्ता भी इनके जाल में फंस…

एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी की ऐतिहासिक जीत से पं दीनदयाल उपाध्याय जी का सपना साकार हुआ : डॉ अजय प्रकाश

Posted by - जुलाई 22, 2022 0
पटना, 21 जुलाई : भावी मेयर प्रत्याशी डॉ अजय प्रकाश ने कहा है कि एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी…

जनादेश का सम्मान करते हुऐ मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री इस्तीफा दें- विजय कुमार सिन्हा

Posted by - दिसम्बर 9, 2022 0
एम.के. सी. एल पर श्रम विभाग की  विशेष समिति एवं आचार समिति का प्रतिवेदन सदन पटल पर रखा जाय –…

विजय सिन्हा ने याद दिलाई विधानसभा अध्यक्ष की पावर, कहा- हम मर्यादा का पालन कर रहे, लोग हल्के में ना लें

Posted by - फ़रवरी 13, 2022 0
विजय सिन्हा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार और उसकी शक्तियों की जानकारी सभी को है. आसन से इसका…

लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी HAM, मांझी की पार्टी ने लिया बड़ा फैसला

Posted by - मई 20, 2023 0
संतोष सुमन ने कहा कि हमारे पार्टी के कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा राज्य में 5 सीटों…
Translate »
Social media & sharing icons powered by UltimatelySocial
LinkedIn
Share
WhatsApp