जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव को दूसरे मामले में बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया.
वर्ष 2015 में पटना की एक सभा में पूर्व सांसद अरुण कुमार ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ अमर्यादित बयान दिया था. वहीं पप्पू यादव ने लालू यादव के खिलाफ विवादित बयान दिया था.
जहानाबाद: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व सांसद अरुण कुमार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ दिए गए बयान को के मामले में जहानाबाद व्यवहार न्यायालय के एमपी एमएलए कोर्ट की ओर से शनिवार को तीन साल की सजा सुनाई गई. वहीं कोर्ट ने जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव को दूसरे मामले में बड़ी राहत देते हुए बरी कर दिया. दरअसल, वर्ष 2015 में पटना की एक सभा पूर्व सांसद अरुण कुमार ने सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ अमर्यादित बयान दिया था. वहीं पप्पू यादव ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ एक विवादित बयान देते हुए धृतराष्ट्र करार दिया था. इसको लेकर जहानाबाद के शिक्षाविद प्रो. चंद्रिका प्रसाद यादव ने दो साल पहले कोर्ट में परिवाद दायर किया था. सुनवाई पूरी करने के बाद सब जज एक राकेश कुमार रजक की अदालत ने पूर्व सांसद अरुण कुमार को तीन साल की सजा सुनाई. हालांकि कोर्ट ने पांच हजार के मुचलके पर पूर्व सांसद अरुण कुमार को जमानत दे दी. पप्पू यादव को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.
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