मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार की चौथी पारी के एक वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस बीच सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की है। उक्त बातें जदयू प्रदेश प्रवक्ता डॉ सुहेली मेहता ने कहीं। आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांव की सरकार में महिलाओं एवं अति पिछड़ा समाज को आरक्षण देकर समाजिक एवं आर्थिक न्याय की नींव रखीं। साथ ही आधी आबादी यानि महिलाओं के विकास के लिए जीविका,साईकल योजना जैसे कई योजनाओं को शुरू करके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक न्याय का कार्य किए।
सात निश्चय योजना के प्रथम फेज में बिहार के हर पंचायत और हर वार्ड की तस्वीर बदली हैं। उन्होंने कहा कि सात निश्चय के दूसरे फेज में भी बिहार के विकास के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों के हर खेत तक पानी पहुंचाया जाए।इसको लेकर सरकार लगातार काम कर रही है। पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा समेत हर क्षेत्र में क्रांति लाई गई है।
मुख्यमंत्री जी की सोंच का ही प्रतिफल है कि आज बिहार विकास की गाथा लिख रहा है। बीते 16 वर्षों में बिहार ने जो ऊंचाई प्राप्त किया है, यह देश और दुनिया देख रही है।सरकार के 16 साल पूरे होने पर पार्टी ने तय किया है कि ‘समदर्शी नेतृत्व और समावेशी विकास के 15 साल बेमिसाल’ पार्टी का नारा होगा।
साथ ही उन्होंने बताया कि आगामी 24 नवंबर को प्रदेश मुख्यालय के साथ साथ सभी जिला मुख्यालयों में भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सरकार की उपलब्धि और सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यक्रमों के सामाजिक प्रभाव पर चर्चा होगी।उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी देश की राजनीति में एक मात्र ऐसे नेता हैं जो घोषणा पर नहीं बल्कि निश्चय की बुनियाद पर लड़ते हैं।
नीतीश कुमार के शासन काल में बिहार की तस्वीर बदल गई है। शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम हुआ है। समावेशी विकास हर क्षेत्र में दिखा है। सात निश्चय-1 की सफलता के बाद सात निश्चय-2 के तहत योजनाएं शुरू की गई हैं।नीतीश कुमार राजनीति में भीड़ से अलग व्यक्तित्व वाले हैं। उन्होंने राजनीति को सामाजिक सरोकार से जोड़ा है। उनके काम के प्रभाव का किस तरह से सामाजिक प्रभाव हुआ, इस पर भी 24 नवंबर को होने वाले आयोजन में चर्चा होगी।
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