आज पूरे बिहार में बिहार का 111वां स्थापना दिवस बिहार दिवस के रूप में मनाया गया। बिहार दिवस का मुख्य आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया गया। मुख्य आयोजन 22, 23 और 24 मार्च को होगा। गांधी मैदान में बिहार सरकार के सभी विभागों के स्टाल लगाए गए ।
पटना: आज पूरे बिहार में बिहार का 111वां स्थापना दिवस बिहार दिवस के रूप में मनाया गया। बिहार दिवस का मुख्य आयोजन पटना के गांधी मैदान में किया गया। मुख्य आयोजन 22, 23 और 24 मार्च को होगा। गांधी मैदान में बिहार सरकार के सभी विभागों के स्टाल लगाए गए ।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार के लोगों को बिहार दिवस की बधाई दी और कहा कि यह हमारा बिहार, माता सीता, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर हज़रत मखदूम सरफुद्दीन याहिया मनेरी, महात्मा गांधी, सम्राट अशोक, आर्या भट्ट के साथ अनेकों संत महात्मा, ऋषि-मुनियों के ज्ञान, विज्ञान और कर्म की तपोभूमि रही है, हम बिहार वासियों को बिहार के अतीत पर गर्व है।
आज बिहार दिवस के अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि हम जहां भी रहेंगे बिहार के गौरव को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, अपने बिहार को प्रगति, विकास के शीर्ष पर पहुंचाएंगे बिहारी कहलाना मान सम्मान का विषय बना रहे। हमसब अपनी पारस्परिक एकता, भाईचारा को बनाये रख कर बिहार के मान सम्मान को बढ़ाएंगे
भारत के स्वर्णिम इतिहास का साक्षी और आर्यभट्ट, सीता और गुरु नानक देव जैसे व्यक्तित्व की जन्मस्थली बिहार है। बिहार केवल एक राज्य नहीं है। बल्कि ये स्थान है वेदों और प्राकृतिक सौंदर्य का। बिहार का इतिहास हमेशा से गौरवशाली रहा है। ये वहीं बिहार है, जिसने भारत को पहला राष्ट्रपति दिया। आज पूरा बिहार राज्य के 111 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।
बिहार का इतिहास
पहले बिहार को मगध के नाम से जाना जाता था और उसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी। बिहार का इतिहास बहुत पुराना है। बिहार दिवस हर साल २२ मार्च को मनाया जाता है। यह बिहार राज्य के गठन को चिह्नित करता है। इसी दिन अंग्रेजों ने 1912 में बंगाल से बिहार को अलग कर एक राज्य बनाया था। 1935 में उड़ीसा इससे अलग कर दिया गया। बिहार दिवस की शुरुआत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2010 में की। इसके बाद बड़े पैमाने पर बिहार दिवस मनाने की शुरुआत की गई। हर साल बिहार सरकार 22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाए जाने वाले पब्लिक हॉलिडे की घोषणा करते हुए एक अधिसूचना जारी करती है।
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