पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में स्वरोजगार के लिए युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को रोजगार देने के लिए बिहार लघु उद्यमी योजना लागू की है। इस योजना से युवाओं को अपना काम धंधा शुरू करने में मदद मिलेगी। गरीब परिवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लघु उद्यमी योजना से लाभ लेकर 61 प्रकार के काम धंधे शुरू कर सकते हैं।
दरअसल जाति गणना में बिहार में 94 लाख से अधिक गरीब परिवारों का पता चला है, जिन्हें आर्थिक मदद की जरूरत है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐसे सभी परिवार के लाभुकों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देंगे ताकि वे लघु उद्यमी योजना के तहत अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। इसकी ट्रेनिंग भी अलग से दी जाएगी। आर्थिक रूप से गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इसी मकसद से ‘बिहार लघु उद्यमी योजना’ लागू की गई है।योजना के अन्तर्गत राज्य के आर्थिक रूप से गरीब सभी परिवारों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जाति आधारित गणना में बिहार में 94 लाख से अधिक गरीब परिवार पाए गए हैं। बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत ऐसे गरीब परिवार को 2-2 लाख रुपए की राशि दी जाएगी।
वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस योजना के अलावा अगर कोई अपना रोजगार करना चाहता है तो उनकी भी पूरी मदद की जाएगी। इस योजना का लाभ हर जाति, धर्म के लोगों को मिलेगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर 18 से लेकर 50 साल तक के स्थाई निवासी आवेदन कर सकते हैं। ऐसे परिवार जिनका प्रतिमाह आय छह हजार रुपए से कम है वे भी योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। रोजगार के लिए सरकार सभी गरीब परिवारों को तीन किस्तों में दो-दो लाख रुपए देगी। सरकार इस पैसे को वापस नहीं लेगी। इस योजना से मिली राशि से कमजोर परिवार के लोग लघु उद्योग लगा कर स्वावलंबी बन सकेंगे। आटा, सत्तू, बेसन उत्पादन, मसाला, नमकीन, जैम, जैली, सॉस, नूडल्स, पापड़, अचार, मुरब्बा, फलों का जूस, मिठाई जैसे कारोबार के लिए मदद मिलेगी। इसी तरह फर्नीचर उद्योग से संबंधित बढ़ईगिरी, बांस का समान, नाव, बेंत का फर्नीचर निर्माण करने वाले भी आवेदन कर सकते हैं। निर्माण उद्योग से संबंधित सीमेंट की जाली, दरवाजा, खिड़की, प्लास्टर ऑफ पेरिस का सामान बनाने के लिए भी सरकार मदद देगी। डिटर्जेंट पाउडर, बिंदी, मेहंदी, मोमबती, कृषि यंत्र, गेट ग्रिल, मधुमक्खी का बक्शा और आभूषण निर्माण करने वालों को भी सरकार मदद करेगी।
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