पटना। भाजपा विधायकों का जाच दल दिनांक 15.12.2022 को सारण जिले के जहरीली शराब कांट के प्रभावित स्थलों यथा- मढौरा, मशरख इसुआपुर और अमनौर का दौरा कर मृतकों के पीड़ित परिजनों व ग्रामीणों से मुलाकता कर तथ्यों से अवगत हुआ।
जांच दल के सामने जो तथ्य उभर कर आया वह यह है- • सरकार और प्रशासन के संरक्षाण में पूरे इलाके में अवैध शराब का घडल्ले से कारोबार हा रहा है।
• पुलिस और स्थानीय थानों की मिलीभगत से शराब की घर-घर सप्लाई हो रही है। • डीएसपी और थानेदारों की सीधी संलिप्ता प्रमाणित है।
• मशरख थाने में उत्पाद विभाग द्वारा जब्त कर रखी गई हजारों लीटर स्प्रिंट पुलिस की निगरानी में होने के बावजूद गायब हो जाती है। कही यह जहरीली शराब उसी स्प्रिंट से तो नहीं बनी थी? यह जांच का विषय है।
• जहरीली शराब पीने के बाद बीमार होने वालों को अस्पतालों में इलाज की सुविधा नहीं मिली। • किसी भी पीड़ित को एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने में प्रशासन बुरी तरह से विफल रहा।
• लोग इधर-उधर छुप-छुप कर इलाज कराते रहे, प्रशासन लापरवाह और पंगु बना रहा, नतीजतन 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। यह संख्या सौ से भी ज्यादा हो सकती है। सैकड़ों लोगों को प्रशासन द्वारा इधर-उधर डरा-धमका कर भगा दिया गया है।
• प्रशासन जहरीली शराब से अनेक मृतकों के दाह संस्कार की व्यवस्था नहीं कर लोगों को मुकदमे में फंसने का झांसा देकर डरा-धमका रहा है। हमारी मांगे
• स्थानीय प्रशासन व पुलिस के जिम्मेवार दोषी अधिकारियों को अविलम्ब बर्खास्त किया जाए। 2
• दोषी अधिकारियों को चिन्हत कर उनपर एफआइआर दर्ज कर नरसंहार के आरोप में मुकदमे चलाए जाए।
• सभी मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए। पीडित परिवार को जीवन-यापन / रोजगार के लिए सरकार 10-10 लाख रु. दें।
राज्य सरकार अपनी शराब बंदी नीति की सर्वदलीय बैठक बुला कर अविलम्ब समीक्षा करें।
• इस नरसंहार की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा दें और विपक्ष की आवाज को दबाने और धमकाने के लिए बिहार की जनता से माफी मांगे
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