परशुराम जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने बड़ा दांव खेल दिया। अपने पिता की गलती को सुधारने का ऐलान किया। मंगलवार को पटना के बापू सभागार में परशुराम जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘गलती हर किसी से होती है, उस गलती को सुधारने का मौका मिलना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘हम आपके साथ हाथ बढ़ाने आए हैं। आपका यकीन जीतने आए हैं। मेरे पर भरोसा कीजिए कभी आपका यकीन नहीं तोडूंगा। अगर हम सब साथ मिल जाएं तो हमें हराना वाला कोई नहीं होगा। हम मिलकर नया बिहार बनाएंगे।’
बता दें, भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। इससे पहले शहर भर में शोभायात्रा निकाली गई।
इस अवसर पर बोचहां विधायक अमर पासवान ने कहा, ‘आशुतोष जी ने सभी धर्म के लोगों को यहां बुलाया है। समाज में जो त्रुटियां हैं, उसे साथ मिलकर दूर करना है। A टू Z को आगे बढ़ाते हुए बिहार को आगे बढ़ाना है।’ इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत शोभायात्रा से की गई। इसके तहत संगठन की तरफ से बेली रोड स्थित पंचमुखी मंदिर से बापू सभागार तक शोभा यात्रा निकाली गई। इसमें दर्जनों गाड़ियों के काफिले के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल थे। इस शोभा यात्रा में शामिल सभी लोगों के कंधे पर एक पीला गमछा था और ये जय परशुराम का नारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे थे।
परशुराम के मंच से तेजस्वी ने बताया अगड़ा प्लान
संगठन के अंकित आनंद ने दैनिक भास्कर को बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से एकता के संदेश देने की कोशिश है। इसमें राजनीति के दिग्गज के साथ शिक्षा, चिकित्सा और व्यापार से जुड़े लोग भी शिरकत करेंगे। इसके अलावा राज्य के सभी जिलों से लगभग 10 हजार लोग पटना पहुंच रहे हैं। वहीं सियासी गलियारे में इसे सत्ता से नाराज भूमिहार खेमे को एक मंच पर लाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है।
कांग्रेस के बिहार प्रभारी दिल्ली से पटना पहुंचे
वहीं, इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास दिल्ली से पटना पहुंचे थे। मंच पर परबत्ता विधायक डॉ. संजीव कुमार, बोचहां विधायक अमर पासवान, पूर्व मंत्री वीणा शाही, शिक्षाविद् जे राय, उषा त्रिपाठी आदि मौजूद थे।
बोचहां उपचुनाव को भुनाने की कोशिश!
दरअसल बोचहां उपनचुनाव में सत्ताधारी BJP के हारने की एक मुख्य वजह पार्टी से भूमिहारों की नाराजगी को बताया जा रहा है। यहां बड़ी तादाद में अगड़ों का वोट RJD के तरफ शिफ्ट हुआ है। वहीं विधान परिषद चुनाव में 24 में से 6 भूमिहार जाति के उम्मीदवार जीते हैं। इनमें तीन पटना से कार्तिकेय कुमार, मुंगेर से अजय कुमार सिंह और पश्चिम चंपारण से इंजीनियर सौरभ RJD के हैं। वहीं सारण से जीते सच्चिदानंद सिंह BJP से बागी थे। इसे तेजस्वी यादव के नए समीकरण भूमाई (भूमिहार, यादव, मुस्लिम) के गठजोड़ से भी जोड़कर देखा जा रहा है। राजनीति के जानकारों की माने तो अब सत्ताधारी दल से नाराज खेमा इसे भुनाने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है।
ब्रह्मर्षि समाज की ये हैं तीन मुख्य मांगें
- परशुराम जयंती को राजकीय छुट्टी घोषित की जाए
- महापुरुषों की जीवनी की तरह भगवान परशुराम की जीवनी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
- सभी 38 जिले में गरीब सवर्ण बच्चों के लिए परशुराम छात्रावास का निर्माण कराया जाए।
- हम सम्मान के भूखे हैं : आशुतोष
- भूमिहार- ब्राह्मण एकता मंच के आशुतोष कुमार ने कहा कि हमारे समाज को भोजन की कमी नहीं है। हम सम्मान के भूखे हैं। जो हमें सम्मान देगा हम उसके साथ मजबूती से खड़े होंगे। जो अपमानित करेगा उसके अपमान का बदला भी सूद समेत लेना काम्टे हैं। क्या ये शक्ति प्रदर्शन है के सवाल पर आशुतोष कुमार ने कहा कि ये एक धार्मिक आयोजन है। एक साधारण कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि केवल बोचहां चुनाव के बाद से हम ब्रह्मर्षि समाज को हम संगठित करने में नहीं जुटे हैं। उन्होंने बताया वो इस काम के लिए अब तक 3400 गांवों का भ्रमण कर चुके हैं। ये एक दशक का प्रयास है। हमारा काम है सरकार के समक्ष अपनी मांग रखना, हमने रख दिया । अब ये सरकार को तय करना है कि उसे मांगना है कि नहीं।
वहीं भूमिहार-ब्राह्मण एकता मंच फाउंडेशन की अथिथि प्रीति प्रिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एक नारी हूं और जब नारी जागृत होती है तो समाज को उचित दिशा मिलती है। हमने भी प्रण किया है कि जब तक हमारे समाज को उचित सम्मान नहीं मिलेगा हम जनजागरण अभियान चलाते रहेंगे। समाज के सभी युवाओं से आग्रह करती हूं जहां जिनको जगह मिले अपनी ईमानदार कोशिश से समाज के लिए काम करते रहेंगे। इस मौके पर आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.सहजानंद, पूर्व विधायक उषा विद्यार्थी सहित हजारों गणमान्य व्यक्तियों ने इस समारोह में हिस्सा लेकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महत्ती भूमिका निभायी।
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