पहले विधायिका का मानमर्दन, अब अधिकारी दे रहें बिहारी अस्मिता को चुनौती-विजय सिन्हा

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वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों में गाली-गलौच से बिहार में प्रशासनिक अराजकता, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री करें कार्रवाई

* अपनी करतूतों को छुपाने के लिए ही सरकार रिटायर्ड अधिकारियों को प्रोमोशन दे कर पुरस्कृत कर रही है

*डीजी पर आईजी रैंक के अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार के आरोप के बावजूद सीएम , डिप्टी सीएम मौन क्यों?

* गालीबाज आईएएस अधिकारी पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

पटना, 10.02.2023

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि महागठबन्धन सरकार के अधिकारियों ने पहले विधायिका का मानमर्दन किया, अब गाली-गलौच कर बिहारी अस्मिता को चुनौती देकर बिहारियों का अपमान कर रहे हैं। वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के बीच गाली-गलौच व दुर्व्यवहार के आरोपों से यह साफ है कि बिहार पूरी तरह से प्रशासनिक अराजकता के दौर में है। बिहारियों को खुलेआम भद्दी गालियां देने वाले आईएएस अधिकारी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिहारी अस्मिता पर तूफान खड़ा करने वाली पार्टियां जदयू व राजद इस पूरे मामले पर चुप्पी साधी हुई है। हर छोटी-बड़ी घटना पर रिएक्ट करने वाले मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मौन है। अमूमन जांच हो रही है, कार्रवाई होगी, जैसे जुमले भी अभी तक मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री की ओर से नहीं उछाला गया है। गालीबाज अफसरों के खिलाफ सरकार अविलम्ब सख्त कार्रवाई करें।

श्री सिन्हा ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार के डीजी रैंक के अधिकारी के उपर उसके ही मातहत सीनियर आईपीएस व आईजी रैंक के अधिकारी ने बंद कमरे में माँ-बहन को लेकर गाली-गलौच व दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए छुट्टी का आवेदन दिया है। आईजी का आरोप है कि विगत कई महीने से डीजी मैडम उनके साथ गाली-गलौच कर उन्हें मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रही हैं,जिसे झेलना अब संभव नहीं है। इस पूरे मामले पर अब तक सरकार की ओर से कोई बयान नहीं आना और भी दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि अभी थोड़े दिन पहले ही अपर मुख्य सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी के बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों व बिहारवासियों की दी गई गाली-गलौच का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने जांच व कार्रवाई का भरोसा दिया था। मगर आज तक उस दिशा में क्या कार्रवाई हुई, इसे सार्वजनिक नहीं किया गया है।

श्री सिन्हा ने कहा कि अपनी करतूतों को छुपाने के लिए ही सरकार रिटायर्ड अधिकारियों को प्रोमोशन दे कर पुरस्कृत कर रही है। क्या मुख्यमंत्री जी आप अपने इन्हीं कृपापात्र गुलाम अधिकारियों के जरिए बिहार में सुशासन व कानून के राज की बात करते हैं?

उन्होंने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री की कुर्सी की लिप्सा व महत्वाकांक्षा में बिहार में न केवल राजनीतिक बल्कि प्रशासनिक अराजकता की स्थिति भी उत्पन्न हो गई है। प्रशासनिक तंत्र की निष्ठा पहले से ही दो राजनीतिक आकाओं के बीच बंटी हुई हैं। प्रशासनिक अराजकता और अनुशासनहीनता किसी भी दृष्टि से शुभ संकेत नहीं है। मुख्यमंत्री बिहार को गर्त में धकेलने का पाप कर रहे हैं, जिसके लिए बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

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