पटना (सिद्धार्थ मिश्रा): लोकसभा चुनाव 2024 के बीच तपती गर्मी में चुनावी सरगर्मी भी तेज हो गई। सत्ता पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर आक्रामक हैं। रविवार को बिहार के कटिहार में आए गृह मंत्री अमित शाह ने लालू परिवार पर जमकर निशाना सधा। अमित शाह के बयान के बाद पलटवार करते हुए तेजस्वी ने कहा कि कहा कि अमित शाह बिहार आएं तो सत्तू पिएं, सत्तू पीने से शरीर ठंडा और दिमाग शांत रहता है। ठंडे दिमाग से वे बिहार के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल कर सकते हैं।
“जेल में हेमंत सोरेन व केजरीवाल कर रहे सत्तू का इस्तेमाल”
तेजस्वी के इस बयान के बाद बिहार में राजनीति तेज हो गई है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि सत्तू का स्वाद तो स्वाभाविक है। जब आपके पिता जी कैदी नंबर 3351 के रूप में होटवार जेल में निवास कर रहे थे, तो सत्तू का बेहतर इस्तेमाल किया था। हेमंत सोरेन जी भी इसका इस्तेमाल करते हैं, अरविंद केजरीवाल जी भी इसका इस्तेमाल करते हैं क्योंकि दिल्ली में पूर्वांचल के लोग ज्यादा रहते हैं। तो सत्तू का अनुभव उनको है। उन्होंने कहा कि पिता की तरह तेजस्वी यादव को भी जेल का अनुभव मिल सकता है।
“सत्तू पर की जा रही राजनीति को BJP ने बताया सस्ती लोकप्रियता”
वहीं तेजस्वी के बयान के बाद भाजपा विधायक संजीव चौरसिया ने सत्तू पीते हुए एक वीडियो जारी किया है, जिसमें तेजस्वी यादव के ऊपर सत्तू पर की जा रही राजनीति को सस्ती लोकप्रियता बताया। संजीव चौरसिया ने कहा कि चुनाव के समय जिस तरह से सस्ती लोकप्रियता के लिए राजद के राजकुमार गलत बयान बाजी कर रहे हैं। जब सावन आता है तो उनके पिताजी मीट बनाते नजर आते हैं और जैसे ही नवरात्र आता है तो तेजस्वी यादव मछली खाते हुए वीडियो दिखाते हैं। जो सत्तू बिहार की संस्कृति और गरीबी की पहचान है उसका वह मजाक उड़ाने का काम करते हैं। यह उनके परिवार की संस्कृति और उनकी पहचान है। इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार की राजनीति खाने पीने के चीज़ों पर अधिक केंद्रित है। तेजस्वी के मछली विवाद से शुरु हुई राजनीति अब सत्तू तक पहुंच गई है।
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