पुराने पाटलिपुत्र यानी अब के पटना की विरासत काफी धनी और समृद्ध है।

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पटना। पुराने पाटलिपुत्र यानी अब के पटना की विरासत काफी धनी और समृद्ध है। पटना के आसपास भी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की विरासतों की भरमार है। इनमें हजारों साल पुरानी चीजें भी हैं और नए दौर की इबारतें भी। ये विरासतें अलग-अलग दौर का प्रतिनिधित्व करती हैं। बुद्ध की धरती बोधगया, मां जानकी की जन्मभूमि जनकपुरी, भगवान महावीर की जन्मभूमि वैशाली का स्तूप, महाराजा जरासंध की कर्मभूमि राजगीर सहित पटना के गोलघर, अगमकुआं, पटना म्यूजियम सहित तमाम ऐसी ही विरासतें गौरव बढ़ाती हैं। इन विरासतों में जानने-सीखने का काफी कुछ भरा पड़ा है। विश्व विरासत दिवस के मौके पर शहर में कई आयोजन होते रहे हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सकेगा। कोरोना के लॉकडाउन की वजह से आप इन विरासतों का फिलहाल दीदार नहीं कर सकते।

लेकिन इनमें से कई विरासतों को जानने-समझने के लिए ऑनलाइन विकल्प मौजूद हैं। बिहार पर्यटन विभाग की वेबसाइट और बिहार विरासत समिति ऐसे धरोहरों के बारे में जानकारी देने में लगी है। इससे जुड़कर आप अपनी विरासतों को ठीक से समझ सकते हैं। विश्व विरासत दिवस पर रिपोर्ट। धरोहरों को जानने का अवसर – पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर नालंदा, राजगीर, बोधगया, वैशाली, विक्रमशिला, राजगीर सहित बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, रामायण सर्किट आदि के बारे में जानकारी दी गई है। दूसरी ओर बिहार विरासत समिति की ओर से बिहार की धरोहरों के बारे में वेबसाइट पर जानकारी दी गई है। इसके अलावा हेरिटेज सोसाइटी की वेबसाइट पर पटना के साथ ही अलग-अलग जिलों की विरासतों के बारे में जानकारी दी गई है। विरासतों को जानने के ऑनलाइन ठिकाने सरकार की वेबसाइट पर बिहार के तमाम विरासत स्थलों की जानकारी उपलब्ध है। इस साइट के जरिए आप न सिर्फ विरासतों के बारे में जानकारी ले सकते हैं, बल्कि यहां वर्चुअल टूर का मौका भी मिलता है। यहां मौसम, खेती, संस्कृति, नदियों, शहरों के बारे में एक पर्यटक के लिए लगभग हर जरूरी जानकारी उपलब्ध है। यहां से आप टूर प्लान भी कर सकते हैं। इसी तरह बिहार राज्य पर्यटन

निगम की वेबसाइट से भी आप बिहार के पर्यटन स्थलों को जान सकते हैं।

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