डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने वैशाली के कमान छपरा में अवस्थित “चतुर्मुख महादेव मंदिर” परिसर में आयोजित “मार्गदर्शक सम्मान सह धरोहर संरक्षण अभियान” के दौरान कहा कि किसी भी राष्ट्र की धरोहरें उसकी बुनियाद होती हैं।
इसीलिए हमे अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित, संवर्धित और प्रचारित करने की बहुत आवश्यकता है।
डॉ० प्रियदर्शिनी ने आगे कहा कि वैशाली की धरती धरोहरों की नगरी रही है, जिसके संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रयास करने की सख्त जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि वैशाली की धरती पर ईसा पूर्व विश्व के प्रथम गणतंत्र (Republic) की शुरुआत हुई थी। इसीलिए डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने आज, 14 नवंबर 2021 को स्थानीय लोगो के साथ मिलकर वैशाली की ऐतिहासिक धरती पर विश्व के पहले गणतंत्र की प्रतीकात्मक प्रतिमा, यानी “Statue of World Republic” बनाने की मांग पोस्टर का अनवरण का किया।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे बुजुर्ग जिन्हे हम आजकल सिर्फ सीनियर सिटीजन समझने लगे हैं, वो दरअसल हमारे पूर्वजों और युवा पीढ़ी के बीच के कनेक्टिंग लिंक (संबंधसूत्र) हैं। ये सम्माननीय बुजुर्ग ही हमारे मार्गदर्शक हैं तथा पूर्वजों के धरोहर, थाती, सभ्यता एवम संस्कृति के संवाहक हैं।बताते चलें कि “यू हम फाउंडेशन” के तत्वाधान में इस अभियान की शुरुआत डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी ने अगस्त क्रांति के दिन बिक्रम, पटना स्थित कैलाश धाम मंदिर से की थी।
उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज वैशाली स्थित विक्रमादित्य चतुर्मुख महादेव मंदिर के इतिहास, उसकी महत्ता, इस मंदिर की स्थानीय मान्यता और इस मंदिर के प्रादुर्भाव के बारे में वहां के स्थानीय बुजुर्गों से चर्चा की और उसे कलमबद्ध किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन वैशाली के अविनाश कुमार जी ने किया था। वहां वैशाली के चतुर्भुज महादेव मंदिर के ट्रस्टी शशि बाबू और कई गणमान्य और प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे।
मंच का सचालन शशि बाबू और सनातन धर्म प्रचारक आनंद विद्यार्थी जी ने किया।
सम्मानित बुजुर्ग: श्री मदन सिंह, श्री राम नारायण सिंह, श्री लालदेव सिंह, श्री हरेंद्र सिंह, श्री उदय शंकर सिंह, श्री शशि भूषण सिंह, श्री आनंद मोहन सिंह, श्री उमेश कुमार श्री अविनाश जी और अन्य
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