कैमूर. अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर से अपनी ही सरकार पर हमला बोला है. अपने गृह जिले कैमूर के हाटा में खरवार समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे सुधाकर सिंह ने कहा कि सरकार की नजर में मंत्री चपरासी व रबर स्टांप हैं. विभागीय सचिव फाइल लाकर देता है तो स्थिति यह है कि मंत्री डर से साइन कर देता है. मंत्री को हमेशा यह डर लगा रहता है कि साइन नहीं करेंगे तो मास्टर साहब नाराज हो जायेंगे.
खरवार जाति को आदिवासी का दर्जा मिलना चाहिए
चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के हाटा में युवा खरवार महासभा के लोगों द्वारा अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया था. जिसमें खरवार समाज के लोगों ने पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के माध्यम से खरवार जाति को आदिवासी का दर्जा दिलाने की मांग की. जिसपर सुधाकर सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि खरवार समाज को निश्चित रूप से आदिवासी का दर्जा मिलना चाहिए. क्योंकि यह उनके पहचान से जुड़ा हुआ मामला है. हमने विपक्ष में रहते हुए भी खरवार को आदिवासी समाज का दर्जा देने के लिए पत्र लिखने से लेकर विधानसभा में बातें उठायी थी.
मंत्री जमा खां को भी कटघरे में खड़ा किया
पूर्व मंत्री ने कहा कि आज हम सरकार में जरूर हैं. लेकिन सरकार वहीं 17 साल पुरानी है बस हम लोग नये आ गये. अब महत्वपूर्ण यह है कि हम लोगों की कितनी बातें सुनी जाती है. उन्होंने चैनपुर से विधायक के बाद मंत्री बने जमा खां को भी कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि हाटा चैनपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है. यहां के विधायक पिछले दो साल से मंत्री हैं. लेकिन वे भी खरवार समाज को उनका अधिकार नहीं दिलवा पा रहे हैं. इससे मंत्रियों की स्थिति क्या है यह समझा जा सकता है.
सरकार में मंत्रियों की बतायी स्थिति
पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने उक्त कार्यक्रम में संबोधन के दौरान वर्तमान सरकार में मंत्रियों की क्या स्थिति है इसके बाबत खुलकर अपनी बातें रखीं. इशारों ही इशारों में उन्होंने मंत्री रहते हुए जो स्थिति का सामना करना पड़ा उन बातों को रखा और कहा कि मंत्री आज के तारीख में एक रबर स्टांप की तरह है. उसके पास जो भी फाइल आये उसपर बिना कुछ पूछे साइन कर देने की बाध्यता है.
डेढ़ महीने में देना पड़ा था इस्तीफा
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सुधाकर सिंह कृषि मंत्री बने थे और सरकारी अधिकारियों सहित अपने ही सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने एवं अपने बयानों के कारण उन्हें डेढ़ महीने में ही इस्तीफा देना पड़ा. सुधाकर सिंह के इस बयान के बाद एक बार फिर राजनीतिक पारा गर्म होने की उम्मीद है. मौके पर चांद के प्रमुख अनिल सिंह, जिला पर्षद के सदस्य मन्नी सिंह, खरवार युवा महासभा के जिलाध्यक्ष सुनील खरवार, विनोद खरवार, देवी प्रसाद खरवार सहित अन्य लोग शामिल रहें.
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