महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती पर स्मरणोत्सव के लिए भारत सरकार ने गठित की उच्च स्तरीय समिति
पटना, 19.08.2023
वर्ष 2024 महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्म का 200 वां वर्ष है। इस वर्ष को स्वामी जी की 200 वीं जयंती के वर्ष के रूप में मनाने और इस अवसर पर स्मरणोत्सव आयोजित करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक 97 सदस्यीय समिति का गठन किया है जिसमें अनेक केंद्रीय मंत्रियों व सभी राज्यों के राज्यपाल व मुख्यमंत्रियों के अलावा देश के विभिन्न प्रदेशों व विदेशों के आर्य सभा के प्रतिनिधियों को भी सदस्य बनाया गया है। बिहार के राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वानाथ आर्लेकर व मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के साथ विधायक व आर्य प्रतिनिधि सभा, बिहार के प्रधान श्री संजीव चौरसिया को भी बिहार से नामित किया गया है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने गजट प्रकाशित कर इसकी जानकारी दी है।
इस समिति में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, अध्यक्ष के साथ पदेन सदस्य के तौर पर केन्द्रीय गृह व सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, महिला व बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमति स्मृति जुबिन इरानी, संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ सभी राज्यपालों व मुख्यमंत्रियों को पदेन सदस्य बनाया गया हैं।
गौरतलब है कि राजनीतिक पराधीनता के कारण विचलित, निराश व हताश भारतीय जनमानस को महर्षि दयानंद सरस्वती ने आत्मबोध, आत्मगौरव, स्वाभिमान एवं स्वाधीनता का मंत्र प्रदान किया था। गुजरात के टंकारा प्रांत में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को वर्ष 1824 ई. में स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म हुआ था। स्वामी दयानंद 19वीं सदी के नवजागरण के अग्रदूत थे, जिन्होंने मध्ययुगीन अंधकार का नाश किया। महर्षि दयानंद के प्रादुर्भाव के समय भारत धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक दृष्टि से अतिजर्जर और छिन्न-भिन्न हो गया था। ऐसे विकट समय में जन्म लेकर महर्षि ने देश के आत्मगौरव के पुनरुत्थान का अभूतपूर्व कार्य किया था।
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