* किसानों को नई दर से मुआवजा और रात के धुप्प अंधेरे में पुलिसिया जुल्म की हो उच्च स्तरीय जांच
* भ्रष्टाचार और अधिकारियों की अंधेरगर्दी से आम लोगों में पनप रहा है आक्रोश
पटना, 11.01.2023
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने तीखा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बक्सर के चौसा में पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई सरकार की तानाशाही व दमनकारी नीतियों का परिणाम है। किसानों को हर हाल में उनकी अधिग्रहित जमीन का नई दर से वाजिब मुआवजा सरकार अविलम्ब दें और रात के अंधेरे में पुलिस की बर्बर करवाई की उच्चस्तरीय जांच कराई जाय।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार तानाशाह और उसकी पुलिस निरंकुश हो गई है। सरकार की दमनकारी नीति का ही परिणाम बक्सर की घटना है। सरकार को अविलम्ब बताना चाहिए कि शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से 85 दिनों से पावर प्लांट के लिए अपनी अधिग्रहित जमीन का वाजिब मुआवजा मांग रहे किसानों के घर में रात के अंधेरे में पुलिस घुस कर कहर क्यों बरपाई? पुरुषों के साथ महिलाओं व बच्चों तक की बेरहमी से पिटाई क्यों की गई? कतिपय किसानों को किस आरोप में रात में उठा कर पुलिस ले गई? क्या पुलिस की गुंडागर्दी जंगल व गुंडाराज की झांकी नहीं है?
उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन कंपनी और राज्य सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत का ही नतीजा है कि 85 दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से मुआवजे की मांग कर रहे किसानों की अनसुनी की गई और उनका दमन करने के लिए रात के अंधेरे में उनके घरों में घुस कर उनकी मार-पिटाई की गई।
राज्य की सरकार एक ओर जहां प्रतिभा घोटाला कर नौजवानों की उम्मीदों को कुचल रही है, वहीं मुख्यमंत्री अपने पिकनिक के लिए समाधान यात्रा का ढोंग कर विकास कार्यों में व्यवधान पैदा कर रहे हैं। दूसरी ओर अपराधियों व पुलिस की चक्की में आम जनता पीस रही है। बिहार में हर स्तर पर प्रशासनिक अराजकता व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि कई जिलों की यात्रा के बाद मधुबनी पहुंचे मुख्यमंत्री केंद्र सरकार की सैकड़ों करोड़ की सड़क परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहित करने से लेकर वर्षों से बंद पड़ी रोहट व रैयाम चीनी मिल को खोलने पर भी चुप्पी साध लेते हैं। मुख्यमंत्री में इतनी भी हिम्मत नहीं है कि झंझारपुर के जिन विस्थापितों को कभी उन्होंने ही जमीन दी थी,जिससे वे आज भी बेदखल हैं, से मिल सके।
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