कोरोनाकाल में राज्य के 4107 बच्चों ने दी कुपोषण को मात
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने बताया कि पोषण एवं पुनर्वास केंद्र बच्चों को न केवल नया जीवन प्रदान कर रहा है, बल्कि कुपोषण के खिलाफ जारी जंग में बड़ा हथियार साबित हो रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच भी कुपोषित बच्चों के बेहतर देखभाल के लिए पोषण पुनर्वास केंद्रों को संचालित किया गया। कुपोषित बच्चों में सामान्य बच्चों की अपेक्षा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में कोरोना के बीच पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) का संचालन सुचारू रूप जारी रहा।
श्री पांडेय ने बताया कि अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक कोरोना के दोनों चरणों के दौरान 4107 बच्चे राज्य भर के पोषण पुनर्वास केंद्रों से स्वस्थ होकर घर लौट आए। कुपोषित बच्चों को सामान्य श्रेणी में लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कुपोषित बच्चों के सेहत और स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्तमान में संचालित 28 पोषण पुनर्वास केंद्र पर कुपोषित बच्चों के साथ माताओं को भी आवासीय सुविधा प्रदान किया जाता है। जहां बच्चे के साथ मां के लिए भी पौष्टिक आहार की व्यवस्था होती है। यहां कुपोषित बच्चों व उनकी माताओं को 7 से 21 दिन तक रखने का प्रावधान है।
श्री पांडेय ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र में उचित देख रेख के साथ विशेष रूप से तैयार पोषण आहार निःशुल्क दिए जाते हैं। चिकित्सकों के द्वारा प्रतिदिन स्वास्थ्य जांच करने के साथ ही उपचार भी किया जाता है। कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में प्रवेश देने के लिए सामान्य तौर पर वजन एवं ऊंचाई तथा उम्र को आधार बनाया जाता है।
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