बिक्रम ट्रॉमा सेंटर के पुनरुद्धार और सुचारू रूप से संचालन हेतु चलाया हस्ताक्षर अभियान आज हुआ समाप्त: डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी

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पटना जिला के बिक्रम में NH के किनारे स्थित ट्रामा सेंटर के पुनरुद्धार और सुचारू रूप से संचालन के उद्देश्य से “कलम सत्याग्रह” के नाम से चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान के सिलसिले में।

बिक्रम विधानसभा की पूर्व प्रत्याशी डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी जी के नेतृत्व में बिक्रम की जनता द्वारा दिनांक 19/02/2021 से बिक्रम में स्थित ट्रॉमा सेंटर के पुनरुद्धार और सुचारू रूप से संचालन  हेतु ” कलम सत्याग्रह” के नाम से “ऑनलाइन और ऑफलाइन हस्ताक्षर अभियान” चलाया जा रहा था। यह अभियान एक स्वतः स्फूर्त अभियान के रूप में गांव गांव में लगभग 5 महीने से चलाया जा रहा था। आज दिनांक 05/08/2021 को डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी के आह्वान पर बिक्रम में स्थित ट्रॉमा सेंटर पर आकर बिक्रम विधानसभा के ग्रामीणों ने अपने अपने गांव के लोगों के हस्ताक्षर का रजिस्टर सौंपा। ग्रामीणों में बहुत दिनों बाद बिक्रम ट्रॉमा सेंटर के शुरुआत की आशा जगी और वे बहुत उत्साह और विश्वास से इस अभियान में संलग्न दिखे।

आगे की कार्य योजना पर डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी जी ने कहा कि जनता द्वारा किए इन हस्ताक्षरो  को एक आवेदन में संलग्न करके उसे माननीय मुख्यमंत्री जी, माननीय स्वास्थ्य मंत्री ( केंद्र और राज्य) तथा सभी संबंधित अधिकारियों को सौंपा जाएगा ताकि जनता की बात जनता के हस्ताक्षर के माध्यम से सीधे सरकार और संबंधित अधिकारियों तक पहुंचे।

कलम सत्याग्रह की जरूरत क्यों पड़ी? इस पर डॉ० ममतामयी प्रियदर्शिनी का कहना है कि अपनी सरकार के समक्ष मांग रखने के जो प्रचलित तरीके हैं वो है धरना, प्रदर्शन, रैली, रोड जाम इत्यादि। एक तो इन तरीको में हिंसा और उग्रता की सम्भावना बहुत अधिक रहती है; दूसरे इससे मानव संसाधन (HUMAN CAPITAL) के साथ-साथ अन्य राष्ट्रीय  संपत्तियों के नुकसान की सम्भावना प्रबल रहती है; तीसरा इन प्रदर्शनों में पूरी जनसँख्या के एक छोटे हिस्से की ही भागीदारी होती है और हमारी आधी आबादी, यानी महिलायें, तो लगभग ना के बराबर ही इनमे शरीक हो पाती है; चौथा और सबसे महत्वपूर्ण बात यह कि ऐसे प्रदर्शनों को राजनीतिक रूप लेने का खतरा ज्यादा रहता है और इसके पीछे जन कल्याण की भावना कही दब जाती है।  इसी उद्देश्य से क्षेत्र के लोगों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से “कलम सत्याग्रह” के माध्यम से सरकार के समक्ष अपनी पीड़ा प्रकट करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि यह राजनीतिक मुहिम नहीं अपितु जनकल्याण का मुहिम बने और कुछ सार्थक काम हो पाए। आशा है वो हमें निराश नहीं करेंगे।

ट्रामा सेंटर के विषय में संक्षिप्त में बता दूं। पटना जिला अंतर्गत बिक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पर स्थित “ट्रामा सेंटर” को खोलने का निर्णय 2002 में तत्कालीन एनडीए की सरकार में लिया गया था। उस समय देशभर में छह ट्रॉमा सेंटर खोले जाने थे,  जिनमें से एक बिक्रम का ट्रामा सेंटर था। दसवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान सरकार द्वारा बिक्रम ट्रामा सेंटर के निर्माण हेतु जमीन अधिग्रहण हुआ, बिल्डिंग बनी और कुछ आवश्यक उपकरण की खरीदारी भी हुई लेकिन आजतक इस ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन नही हो पाया है। इसकी वजह से जनता को जिस आधुनिक आकस्मिक चिकित्सीय लाभ पहुंचाने  के उद्देश्य आपकी सरकार द्वारा यह ट्रॉमा सेंटर बनाया गया था उससे बिक्रम विधानसभा के साथ साथ इससे सटे 5 जिलों के लोग, जो इन राजमार्गों से गुजरते हैं, इससे वंचित हैं।

रिपोर्ट: सिद्धार्थ मिश्रा(बिक्रम पटना)

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