पटना: बिहार की जेलों में कैदियों को क्षमता से अधिक भर कर रखा जा रहा है। राज्य के सभी 8 केंद्रीय कारा में क्षमता से दुगना-तीन गुणा कैदी रखे गये हैं। आठ सेंट्रल जेल समेत सभी 59 जेलों की बात करें तो कैदियों के रखने की क्षमता 46669 है। जबकि इन जेलों में 66307 कैदी रखे गए हैं। बेउर सेट्रल जेल की स्थिति तो और खराब है। वहां क्षमता से 234 फीसदी अधिक कैदी रखे गये हैं। इस तरह से कुल क्षमता से 20 हजार अधिक कैदी राज्य के विभिन्न जेलों में बंद हैं। यह आंकड़ा 31 दिसंबर 2021 तक का है।
गृह विभाग की तरफ से जो जानकारी दी गई है उसमें आदर्श केंद्रीय कारा बेउर में कुल क्षमता 2360 है। इनमें से पुरुष कैदियों के 2260 और 100 महिला बंदियों के रखने की क्षमता है। लेकिन वर्तमान में बेउर जेल में 234 फीसदी कैदी रखे गए हैं। बेऊर में कुल कैदियों की संख्या 5534 है। इनमें से 5295 पुरुष कैदी व 239 महिला कैदी बंद हैं। वहीं बक्सर केंद्रीय कारा की कुल क्षमता 1126 है। जबकि वहां 1693 कैदी बंद है। यानी क्षमता से डेढ़ गुना कैदी बक्सर केंद्रीय कारा में रखे गए हैं।
वहीं, मोतिहारी केंद्रीय कारा में कैदियों के रखने की कुल क्षमता 2503 है। इनमें से 2396 पुरुष व 107 महिला कैदियों के रखने की जगह है। जबकि यहां पर कुल 2875 कैदी रखे गए हैं। कुल क्षमता का 115 फीसदी। खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर की कुल क्षमता 2135 है, लेकिन वहां पर 4484 कैदी रखे गए हैं। यानी 210 फीसदी। पूर्णिया केंद्रीय कारा में कैदियों के रखने की कुल क्षमता 1198 है। वर्तमान में 1808 यानी 151 परसेंट कैदी हैं। भागलपुर केंद्रीय कारा में कैदियों के रखने की कुल क्षमता 1962 है। यहां 2499 कैदी रखे गए हैं जो 127 परसेंट है। भागलपुर स्पेशल केंद्रीय कारा में कैदियों के रखने की क्षमता 3288 है। हालांकि इस जेल में क्षमता से काफी कम कैदी हैं। यहां महज 1294 कैदी बंद हैं,यानी सिर्फ 39 फीसदी। वहीं केंद्रीय कारा गया में कैदियों के रखने की क्षमता 2606 है लेकिन यहां पर 3395 कैदी रखे गए हैं जो कुल क्षमता का 130 फीसदी है।
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