बिहार के पूर्व सीएम मांझी ने फिर दिया विवादित बयान; कहा- हम भगवान राम को नहीं मानते’

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‘भगवान राम’ को लेकर देश की सियासत का तापमान अकसर अपने चरम पर रहता है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा-जेडीयू सरकार के सहयोगी जीतन राम मांझी ने भगवान राम को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है।

अपने विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने जमुई जिला अंतर्गत सिकंदरा प्रखंड के लछुआड़ में एक बार फिर से भगवान राम एवं सत्यनारायण स्वामी को लेकर विवादित बयान दिया है।

कुछ महीने पहले उन्होंने भगवान राम और ब्राह्मणों को लेकर विवादित बयान दिया था, जिससे उनकी काफी किरकरी हुई थी। पूर्व सीएम ने सुर्खियां बटोरने के लिए एक बार फिर से ब्राह्मण और भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया है।

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि वह भगवान राम को नहीं मानते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने खुद को माता सबरी का वंशज बताया। पूर्व मुख्यमंत्री ने जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड क्षेत्र के लछुआड़ में बाबा साहब भीम राव आंबेडकर की जयंती और माता सबरी महोत्सव समारोह में छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए यह विवादित बयान दिया। उन्होंने खुद को सबरी का वंशज तो बताया मगर वहीं उन्होंने यह भी कह दिया कि मर्यादा पुरुषोत्तम राम एक काल्पनिक पात्र है

भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए जीतन राम मांझी कहा कि राम कोई भगवान नहीं थे बल्कि महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास के काव्य ग्रंथ के महज एक पात्र थे। उन्होंने कहा कि वे गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते, राम कोई भगवान नहीं थे। वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे। उन्होंने कहा कि महाकाव्य में बहुत सी अच्छी बात है, उसको हम मानते हैं। अगर आप कहते हैं कि राम को मानते हैं तो यह दोनों बात नहीं चलेगी।तो वहीं उन्होंने छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए कहा कि जो लोग राम को मानते हैं, वह (दलितों) का जूठा क्यों नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों ने सत्ता के लिए लोगों को बांट दिया है। जीतन राम मांझी ने कहा, “आप यदि कहते हैं हम राम को मानते हैं, राम तो हमारी मां सबरी, जिसको हम कहते हैं, देखा नहीं था कहानी है, राम ने सबरी का झूठा खाए थे, आज हमारा छुआ हुआ तो खाइए आप, आज हमारा छुआ हुआ नहीं खाते हैं। यही राम की बात करते हैं आप। अपना हित में बड़े लोग हम लोगों को बांट दिया है शासन करने के लिए।”

तो वहीं उन्होंने छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए कहा कि जो लोग राम को मानते हैं, वह (दलितों) का जूठा क्यों नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों ने सत्ता के लिए लोगों को बांट दिया है। जीतन राम मांझी ने कहा, “आप यदि कहते हैं हम राम को मानते हैं, राम तो हमारी मां सबरी, जिसको हम कहते हैं, देखा नहीं था कहानी है, राम ने सबरी का झूठा खाए थे, आज हमारा छुआ हुआ तो खाइए आप, आज हमारा छुआ हुआ नहीं खाते हैं। यही राम की बात करते हैं आप। अपना हित में बड़े लोग हम लोगों को बांट दिया है शासन करने के लिए।”

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा द्वारा आयोजित अंबेडकर जयंती सह शबरी महोत्सव में शामिल होने शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के लछुआड़ पहुंचे थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने एक बार फिर से ब्राह्मणों के लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि पहले बड़े लोग सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराते थे। लेकिन अब अनुसूचित जाति के लोग भी सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराने लगे हैं।

उन्होंन लोगों को सत्यनारायण स्वामी की पूजा न करने की नसीहत देते हुए कहा कि सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराने से कोई स्वर्ग नहीं चला जाता। उन्होंने आगे कहा कि जो ब्राह्मण मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं, व्यभिचारी है और कम पढ़े-लिखे हैं ऐसे ब्राह्मणों से पूजा-पाठ कराने से क्या फायदा है, इनसे पूजा-पाठ कराना पाप है।

भगवान राम को काल्पनिक बताते हुए जीतन राम मांझी कहा कि राम कोई भगवान नहीं थे बल्कि महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास के काव्य ग्रंथ के महज एक पात्र थे। उन्होंने कहा कि वे गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को मानते हैं, लेकिन राम को नहीं मानते, राम कोई भगवान नहीं थे। वह गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि के एक काव्य पात्र थे। उन्होंने कहा कि महाकाव्य में बहुत सी अच्छी बात है, उसको हम मानते हैं। अगर आप कहते हैं कि राम को मानते हैं तो यह दोनों बात नहीं चलेगी।

तो वहीं उन्होंने छूआछूत की समस्या पर बात करते हुए कहा कि जो लोग राम को मानते हैं, वह (दलितों) का जूठा क्यों नहीं खाते हैं। उन्होंने कहा कि बड़े लोगों ने सत्ता के लिए लोगों को बांट दिया है। जीतन राम मांझी ने कहा, “आप यदि कहते हैं हम राम को मानते हैं, राम तो हमारी मां सबरी, जिसको हम कहते हैं, देखा नहीं था कहानी है, राम ने सबरी का झूठा खाए थे, आज हमारा छुआ हुआ तो खाइए आप, आज हमारा छुआ हुआ नहीं खाते हैं।

यही राम की बात करते हैं आप। अपना हित में बड़े लोग हम लोगों को बांट दिया है शासन करने के लिए।”

पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा द्वारा आयोजित अंबेडकर जयंती सह शबरी महोत्सव में शामिल होने शुक्रवार को प्रखंड क्षेत्र के लछुआड़ पहुंचे थे। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने एक बार फिर से ब्राह्मणों के लिए अपशब्द का प्रयोग करते हुए कहा कि पहले बड़े लोग सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराते थे। लेकिन अब अनुसूचित जाति के लोग भी सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराने लगे हैं।

उन्होंन लोगों को सत्यनारायण स्वामी की पूजा न करने की नसीहत देते हुए कहा कि सत्यनारायण स्वामी की पूजा कराने से कोई स्वर्ग नहीं चला जाता। उन्होंने आगे कहा कि जो ब्राह्मण मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, झूठ बोलते हैं, व्यभिचारी है और कम पढ़े-लिखे हैं ऐसे ब्राह्मणों से पूजा-पाठ कराने से क्या फायदा है, इनसे पूजा-पाठ कराना पाप है।

 

 

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