बिहार के शिक्षा व्यवस्था में मिशन -60 का कब होगा शुभारंभ- विजय सिन्हा

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बड़े भाई-छोटे भाई मिलकर 33 वर्षों की कार्यकाल में किया बिहार की प्रतिभा का हनन- विजय सिन्हा

बिना पढ़ाई कराये परीक्षा लेकर कदाचार युक्त रिजल्ट से गरीब बच्चों के प्रतिभा का हनन कब तक- विजय सिन्हा

बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था को दरकिनार कर लूट की झूट वाली योजनाओं पर कर रही फोकस- विजय सिन्हा

भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने बिहार में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर तंज कसते हुए कहा कि बिहार के शिक्षा में मिशन -60 का कब होगा शुभारंभ। बिहार सरकार सात निश्चय , जल-जीवन-हरियाली और हर घर गंगाजल जैसी लोक लुभावन योजनाओं का झांसा देकर हजारों करोड़ का घोटाला कर रही है, किंतु बिहार की प्रतिभा और भविष्य बचाने के लिए शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने की दिशा में एक भी कदम नहीं बढ़ा रही है, ऐसी सरकार का सत्ता में रहना बिहार के भविष्य के लिए आत्मघाती सिद्ध होगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि पिछले 33 वर्षों से बड़े भाई-छोटे भाई मिलकर बिहार की गद्दी संभाले हुए हैं लेकिन बिहार की शिक्षा व्यवस्था में लगातार गिरावट आती जा रही है। बिहार का शिक्षा दर मात्र 61.8 प्रतिशत है जो अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है और निरक्षरता की बात करें तो अभी भी बिहार में 38.2 प्रतिशत लोग निरक्षर हैं।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार एक समय में ज्ञान-विज्ञान की भूमि के नाम से विश्वविख्यात थी किंतु यह दुर्भाग्य की बात है कि आज हमारे यहां विद्यालयों में बुनियादी जरूरतों का भी अभाव हो गया है, यहां के ज्यादातर विद्यालयों में बेंच-डेस्क और शिक्षक तो दूर अपना भवन तक उपलब्ध नहीं है। अभी भी लगभग पांच हजार सरकारी स्कूलों के पास अपना भवन नहीं है और जहां अपना भवन है उसमें ज्यादातर जीर्ण-शीर्ण और जर्जर अवस्था में है।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार के लिए यह कितने शर्म की बात है कि रिपोर्ट के अनुसार यहां के पांचवीं कक्षा के 57प्रतिशत बच्चे कक्षा दो का पाठ भी नहीं पढ़ पाते हैं, वहीं कक्षा तीन के 80 प्रतिशत बच्चों का यही हाल हैै।
श्री सिन्हा ने कहा कि बिना पढ़ाई कराये परीक्षा लेकर अघोषित कदाचार युक्त वाली सर्टिफिकेट देकर बिहार के प्रतिभा का हनन और भविष्य को अंधकारमय करने का खेल कब तक चलेगा।
श्री सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार केवल लूट की छूट वाली योजनाओं पर ही फोकस करती है इनकी सरकार को बिहार की शिक्षा व्यवस्था से कोई सरोकार नहीं है और कुर्सी के लिए केवल जातिय उन्माद पैदा करना इनकी मानसिकता बन चुकी है, बिहार की जनता को अब जागरूक होने की आवश्यकता है

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