कोरोना के दौर में बुरी तरह प्रभावित हुई उच्च शिक्षा फिर कभी बेपटरी न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग एक खास किस्म का मेकैनिज्म तैयार करेगा. इसमें नियमित ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन क्लास चलाये जायेंगे.
कोरोना वायरस के दौर में बुरी तरह प्रभावित हुई उच्च शिक्षा फिर कभी बेपटरी न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग एक खास किस्म का मेकैनिज्म तैयार करेगा. इसमें नियमित ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन क्लास चलाये जायेंगे. 50 प्रतिशत क्लास डिजिटल मोड में होंगे. इसके लिए शिक्षा विभाग जल्द ही कुलपतियों और आइटी, आइसीटी एक्सपर्ट की बैठक करेगा. जानकारी के मुताबिक प्रदेश के सभी विवि में वाइ-फाइ की सुविधा दी जा चुकी है. कॉलेजों में ऑनलाइन और डिजिटल क्लास के संचालन के लिए शिक्षा विभाग विशेष इन्फ्रास्ट्रक्चर भी मुहैया करायेगा.
श में बढ़ते कोरोना को देखते हुए प्रदेश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए तैयार किये जा रहे इस मेकैनिज्म में विशेष बात यह होगी कि प्रदेश के सभी कॉलेजों के बेहतरीन प्राध्यापकों के लेक्चर दूसरे कॉलेजों के विद्यार्थियों को मुहैया कराया जायेगा. दरअसल, प्राध्यापकों की 50% क्लास ऑनलाइन अनिवार्य होंगी. इन क्लासों को बच्चे कहीं से भी ले सकेंगे. विशेषज्ञ प्राध्यापकों की क्लासों की बाकायदा वीडियो रिकाॅर्डिंग करायी जायेगी. बाद में उस रिकाॅर्डिंग को प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों के बच्चों को लिंक के जरिये पहुंचाया जायेगा. प्राथमिक स्तर पर इसके लिए हुए मंथन में विशेषज्ञों ने तय किया है कि सभी सरकारी और संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों के मोबाइल नंबर लेकर ग्रुप बनाये जायेंगे.
विभाग का अनुभव रहा है कि बच्चे तो टेक्नोलॉजी से जल्द ही अभ्यस्त हो जाते हैं, लेकिन शिक्षकों का डिजिटल फ्रेंडली होना मुख्य चुनौती है. इन्हीं कमियों को खत्म करने के लिए यह कवायद की जा रही है.
डिजिटल एजुकेशन को कॉलेजों में प्रमोट करने के लिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और विशेषज्ञों की मीटिंग जल्द ही बुलायी जा रही है. इसमें ऑनलाइन और डिजिटल क्लास को नियमित रूप से कराने के लिए रणनीति पर सुझाव मांगे जायेंगे. शिक्षा विभाग की मंशा है कि किसी भी तरह की आपदा में पढ़ाई बाधित न हो. -प्रो एनके अग्रवाल ,सलाहकार , बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद
हाल ही की टिप्पणियाँ