बिहार को बीमार, बदहाल और बर्बाद करने वाले के मुंह से कलम बांटने की बात अशोभनीय,
जमीन के बदले नौकरी भी था कलम बांटने की कवायद?
जिनकी सोच चरवाहा विद्यालय, उनसे शिक्षा और शिक्षकों की बात करना बेईमानी,
भ्रष्टाचार, अपहरण, रंगदारी और डकैती ही रहा इनके शासन की प्रमुख उपलब्धि,
तेल पिलावन-लाठी भजावन अभियान में बिहार से पलायन किये हजारों व्यापारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और आमजनों की बिहार वापसी के लिए कोई प्रयास नहीं,
पटना, 03 नवम्बर 2023
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा कलम बांटने के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि बिहार में पहले जंगलराज औऱ फिर गुण्डाराज लाने वाले के द्वारा कलम बांटने की बात हास्यास्पद है।उन्होंने तंज कसते हुये पूछा है कि क्या जमीन के बदले नौकरी घोटाला भी कलम बांटने की कवायद थी?
श्री सिन्हा ने कहा कि बिहार को बीमार, बदहाल और बर्बाद करने वाले के मुँह से कलम बांटने की बात अशोभनीय है। जिनके शासन काल में शिक्षा व्यवस्था को समूल नष्ट कर दिया गया और उच्चतम शिक्षा का मतलब चरवाहा विद्यालय था वे अब ज्ञान की बात कर रहे है। बिहार की बर्बाद शिक्षा व्यवस्था का शिकार स्वयं इनका परिवार हुआ। इनकी स्वयं की शिक्षा कक्षा 9 तक ही हो सकी। भवन, शिक्षक और कमरा का विद्यालयों में अभाव था। बिजली नहीं थी। दिन में लालटेन विद्यालयों में जलाकर रखते थे। उसी दौरान छात्रों का बिहार से पलायन शुरु हुआ जो अभी तक जारी है।
श्री सिन्हा ने कहा कि 1990 से 2005, 2013 से 2017 और 2022 अगस्त से ये अभी शासन में हैं।जब जब ये शासन में रहे समूचे सिस्टम को तबाह कर दिया। 1990-2005 के बीच पशुपालन घोटाला और अलकतरा घोटाला हुआ। 2004 से 2009 के बीच केन्द्र सरकार में रहकर आई. आर. सी. टी. सी घोटाला और जमीन के बदले नौकरी घोटाला किया। भ्रष्टाचार इनके रग रग में है। बिहार के लोग अवगत है किस प्रकार मुख्यमंत्री आवास में अपहरणकर्त्ताओं का बसेरा था। भ्रष्टाचार, रंगदारी, अपहरण, हत्या और डकैती इनके शासन की प्रमुख उपलब्धि रही है।
श्री सिन्हा ने कहा कि इनके माता पिता के मुख्यमंत्रित्व काल में राज्य में तेल पिलावन-लाठी भजावन अभियान ने आंदोलन का स्वरूप ले लिया था।उस दौरान रंगदारी, अपहरण औऱ प्रताड़ना के शिकार हजारों व्यापारियों, डॉक्टर, इंजीनियर औऱ आमजन बिहार से बाहर पलायन कर गए।इनके शासन में आने के बाद वे बिहार में घूमने आने से भी डर रहे हैं।उन्हें वापस बिहार लाने के लिए ये कुछ भी नहीं कर रहें है।
श्री सिन्हा ने कहा कि हम जो भी कह रहे हैं उससे इनके चाचा भी सहमत होंगे क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुये उन्होंने कई बार ये बात कही है। सार्वजनिक मंच पर वे कहा है 2005 से पहले यहाँ कुछ था क्या? ये भी उस मंच पर उपस्थित रहे है।
श्री सिन्हा ने तेजस्वी यादव को सलाह देते हुये कहा है कि उन्हें पहले, नीतीश कुमार से जो डील करके आये थे, उसे कार्यान्वित कराना चाहिये । भ्रम में जीना छोड़ दें। नीतीश जी गद्दी नहीं छोडेंगे।
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