बिहार पुलिस सप्ताह 2022 के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री

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पुलिस की सक्रियता के कारण पहले की तुलना में अपराध में काफी कमी आई है।

एक लाख की आबादी पर पुलिस बल की संख्या 115 निर्धारित की गयी है, इसे बढ़ाना है। हम चाहते हैं कि एक लाख की आबादी पर बिहार में पुलिस की संख्या 165 से 170 हो।

पटना, 27 फरवरी 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-6 स्थित मिथिलेश स्टेडियम में बिहार पुलिस सप्ताह 2022 के समापन एवं वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल हुए।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस सप्ताह 2022 के अवसर पर आयोजित इस वार्षिक समारोह कार्यक्रम में उपस्थित आप सभी लोगों को मैं बधाई देते हुए अभिनन्दन करता हूँ। यह बड़ी खुशी की बात है कि इस वर्ष भी बिहार पुलिस सप्ताह मनाया जा रहा है।

हमलोगों के कार्यकाल में यह कार्यक्रम नियमित रूप से किया जा रहा है। 22 फरवरी से 27 फरवरी तक इस कार्यक्रम के दौरान जो चर्चाएँ एवं विमर्श होती हैं उससे पुलिस बल को काफी लाभ मिलता है। हम इस कार्यक्रम में हर बार शामिल होते हैं। आज जितने लोग पुरस्कृत हुए हैं, मैं उन सभी को हृदय से बधाई देता हूँ।

यहां पर जिस ग्राउंड में यह आयोजन हो रहा है, उसे पहले बी०एम०पी० कहा जाता था लेकिन अब इसका नाम बदलकर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस कर दिया गया है। यह नाम सुनने में बहुत अच्छा लगता है। बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस द्वारा आयोजित इस प्रकार के कार्यक्रम में मैं पहली बार आज शामिल हुआ हूँ।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों को जब से काम करने का मौका मिला पुलिस बल पर विशेष ध्यान दिया गया। समय-समय पर पुलिस बल की गतिविधियों की समीक्षा कर कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर की गयी।

पुलिस की सक्रियता के कारण पहले की तुलना में अपराध में काफी कमी आई है, इसके लिए मैं बिहार पुलिस को विशेष तौर पर बधाई देता हूँ लेकिन शत-प्रतिशत आदमी ठीक नहीं हो सकता है। समाज में कुछ गड़बड़ करनेवाले मानसिकता के लोग भी होते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो हर वर्ष देश भर के प्रान्तों की आपराधिक घटनाओं से जुड़ी रिपोर्ट प्रकाशित करता है। वर्ष 2020 में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक आपराधिक घटनाओं के मामले में बिहार 25वें स्थान पर है।

देश में जितने भी प्रांत हैं उनकी तुलना में बिहार आबादी के दृष्टिकोण से तीसरे नम्बर पर है जबकि क्षेत्रफल में बिहार का स्थान 12वां है। बिहार की तुलना में आबादी का घनत्व देश और दुनिया में इतना अधिक कहीं नहीं है।

ऐसी स्थिति में भी अपराध को नियंत्रित रखना बड़ी खुशी की बात है। वर्ष 2021 में हत्या, दंगा, फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में काफी कमी आई है। पहले फिरौती के लिए किस प्रकार से अपहरण और अपराध की घटनाएँ हुआ करती थी, यह सबको मालूम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवम्बर 2005 से हम बिहार के लोगों की सेवा कर रहे हैं। वर्ष 2007 में सभी थानों के काम को अनुसंधान और कानून व्यवस्था के रूप में दो भागों में बांटने के लिए हमलोगों ने कानून बनाया। पुलिस बल की संख्या में बढ़ोत्तरी की गयी। अब हर थाना के काम को दो भागों में विभक्त कर दिया गया है इसलिए पुलिस महानिदेशक एवं गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को हम कहेंगे कि ससमय कांड का अनुसंधान होना चाहिए। इस पर विशेष नजर रखें।

अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से जुड़े मामलों की जांच 80 दिनों के अंदर पूरी कर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए। हम चाहते हैं कि इस काम में देर न हो। अगर कोई गड़बड़ करता है तो उसे देखना विशेष शाखा (स्पेशल ब्रांच) का दायित्व है।

वर्ष 2006 में बिहार में पुलिस बल की संख्या काफी कम थी जिसको ध्यान में रखते हुए बिहार पहला राज्य था जिसने एस०ए०पी० (स्पेशल अग्जिलियरी पुलिस) का गठन किया, इसमें आर्मी के रिटायर्ड जवानों को लगाया गया। इसके बाद केंद्र ने भी इसे अपनाया। पुलिस की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। एस०ए०पी० के जवानों को भी रिटायर्मेट तक रखिये। पुलिस बल में 1 लाख 42 हजार लोगों को बहाल किया जाना है लेकिन सेलेक्शन का काम जितनी तेजी से होनी चाहिए वह नहीं हो पायी है, इसमें तेजी लायें। हमलोगों ने एक लाख की आबादी पर पुलिस बल की संख्या 115 निर्धारित की है, इसको भी बढ़ाना है। हम चाहते हैं कि एक लाख की आबादी पर बिहार में पुलिस की संख्या 165 से 170 हो। कई राज्यों में एक लाख की आबादी पर तैनात पुलिसकर्मियों की संख्या 190 से 195 है। पुलिस की बहाली में वर्ष 2013 में महिलाओं को आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि आज बिहार पुलिस में 25 हजार से अधिक महिलायें सेवारत हैं। बिहार पुलिस में जितनी बड़ी संख्या में महिलाओं की तैनाती है उतनी संख्या देश के किसी भी बड़े से बड़े राज्य में नहीं है।

पुलिस बल में महिलाओं की तैनाती 37 प्रतिशत तक करने का हमारा लक्ष्य है। अभी हम 25 प्रतिशत पर ही पहुंचे हैं। आज के परेड में महिलाओं का चार ग्रुप शामिल था। यह देखकर कितना अच्छा लगता है। हर थाने में अलग-अलग पदों पर महिलाओं की पोस्टिंग करने हेतु उनके आवासन, अलग शौचालय एवं अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया गया है। दो साल से कोरोना के कारण यह काम थोड़ा धीमा पड़ गया था। थाना हो या ओ0पी0 सबका अपना भवन होना चाहिए। बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड को हम कहेंगे इस काम को जल्द से जल्द पूरा करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि विवाद के कारण हत्या की 60 प्रतिशत घटनाएँ घटित हुआ करती हैं। भूमि विवाद को निपटाने के लिए हर स्तर से प्रयास किया जा रहा है। प्रत्येक थाना में महीने के हर शनिवार को जबकि अनुमंडल स्तर पर महीने में दो बार और जिला स्तर पर एक बार बैठकें होती हैं।

यह बैठक तय समय पर और निरंतर होनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक भूमि विवाद का निपटारा हो सके। सांप्रदायिक दंगा कराने की कुछ लोग पहले कोशिश करते थे लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण इस पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सका है। शराबबंदी के पक्ष में सभी पुलिसकर्मियों ने शपथ ली थी इसलिए विशेष निगरानी रखें ताकि कोई गड़बड़ नही कर सके। कुछ गड़बड़ करनेवाले भी होते हैं लेकिन एक बात जान लीजिये की पीनेवाला सेवा नहीं कर रहा है बल्कि खुद का, इस राज्य का और पुलिस बल का नुकसान कर रहा है। गड़बड़ करनेवालों पर ऊपर से निगरानी रखने के लिए ड्रोन भी लगाया गया है इसलिए गड़बड़ी करनेवाले किसी भी सूरत में बचेगा नहीं। सरकार की तरफ से हम कहेंगे कि आपकी संख्या हम बढ़ाना चाहते हैं। जब हम आपको अलग काम में लगाते हैं तो उसके लिए अतिरिक्त सहायता भी करते हैं। पुलिस बल के सभी लोगों से हम कहेंगे कि लोगों की सेवा करते रहिये और समाज में प्रेम, भाईचारे का माहौल बनाएं रखने में अपनी भूमिका निभाएं। इससे समाज में एकता कायम होगी। लोगों की रक्षा करना ही आपका धर्म है। यहां आकर मुझे काफी प्रसन्नता हुई है। आज पुरस्कृत होनेवाले लोगों को मैं पुनः बधाई देता हूँ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल ने उनका स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने सेरेमोनियल परेड का निरीक्षण कर सलामी ली। प्रशिक्षित महिला कमांडो, एस0टी0एफ0, महिला प्रशिक्षु प्लाटून, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-5 के पुरुष एवं महिला प्लाटूनों ने रैतिक परेड (मार्च पास्ट) किया। समापन समारोह में बिहार राज्य गीत से पारितोषिक वितरण समारोह की शुरुआत हुई।

गणतंत्र दिवस समारोह 2020 के अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत किये गये अपर पुलिस महानिदेशक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो श्री सुनील कुमार झा, हवलदार बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस 14 श्री उदय राम एवं पुलिस वीरता पदक से अलंकृत किये गये श्री ज्योति प्रकाश, श्री अमरेन्द्र किशोर, श्री बैजनाथ कुमार, श्री रूपक रंजन सिंह, श्री पंकज आनंद, श्री देवराज इंद्र, श्री संतोष कुमार तथा श्री विवेक कुमार को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। वहीं बिहार पुलिस सप्ताह 2022 के अवसर पर कुल 207 पुलिस के वरीय एवं कनीय पदाधिकारियों को पुरस्कृत किया गया, जिनमें पुलिस अधीक्षक श्री मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री जगन्नाथ रेड्डी, पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री दयाशंकर, पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 श्री विनोद कुमार, पुलिस उपाधीक्षक श्री नरेश कुमार, पुलिस निरीक्षक श्री विनय प्रकाश, पुलिस निरीक्षक श्री ओमप्रकाश, पुलिस अवर निरीक्षक श्री रंजीत कुमार, पुलिस अवर निरीक्षक श्री सुभाष तिवारी, विशेष लोक अभियोजक श्री सुरेश कुमार एवं चौकीदार श्री भगवान पासवान को मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम को पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद, सचिव गृह श्री जितेन्द्र प्रसाद, सचिव गृह श्री के0 सेंथिल कुमार, पुलिस महानिदेशक बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस श्री ए0के0 अंबेडकर, पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण श्री आलोक राज, गृह रक्षावाहिनी एवं अग्निशमन सेवाओं की महानिदेशक श्रीमती शोभा अहोतकर, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री विनय कुमार, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री पी0के0 ठाकुर, पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री नीलमणि, पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं अध्यक्ष केन्द्रीय चयन पर्षद श्री के०एस० द्विवेदी, पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं अध्यक्ष बिहार पुलिस अवर सेवा चयन पर्षद श्री सुनीत कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह सहित अन्य अपर पुलिस महानिदेशक एवं अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारीगण एवं पुरस्कृत होनेवाले प्रतिभागीगण उपस्थित थे।

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