मुद्दों के आधार पर लगातार हमारी पार्टी ने भाजपा से अलग रहकर भी माननीय प्रधानमंत्री के नीतियों का समर्थन किया। देश के माननीय प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का खिलाफत मैनें कभी नही किया। व्यक्तिगत हित को दरकिनार कर राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एनडीए में शामिल होने के बाद दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री चिराग पासवान जी ने उक्त बातें कहीं।
श्री चिराग ने आगे कहा कि 2020 में एनडीए से अलग होने के बावजूद बिहार में उपचुनाव के तहत भाजपा के प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार किया और विजय मिली। श्री चिराग ने अपने दिवंगत पिता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व0 रामविलास पासवान जी को याद करते हुए कहा कि हमारे नेता कभी कोई भी समझौता राजनीतिक लाभ के लिए नही बल्कि सिद्धांतों के लिए किया है।
अगर हमारी पार्टी राजनीतिक सिद्धांतों से समझौता किया होता तो हम एनडीए से अलग नही हुए होते तब बिहार की सरकार में हमारे कई नेता मंत्रिमंडल में शामिल होते और मैं भी केन्द्रीय मंत्रिमंडल में होता बावजूद 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गलत नीतियों के कारण एनडीए से हमें अलग होना पड़ा और अकेले एक झण्डें पर चुनाव लड़ना पड़ा। लेकिन सिद्धांतों से मैनें कभी समझौता नही किया।
मुख्यमंत्री के गलत नीतियों के कारण आज बिहार हर क्षेत्र में पिछड़ा राज्य बनकर रह गया है भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रेस वार्ता के तहत श्री चिराग ने एनडीए में शमिल होने का घोषणा की। श्री चिराग दिल्ली में आयोजित एनडीए की बैठक में शामिल हुए और प्रधानमंत्री जी ने उन्हें गले लगाकर आर्शीवाद दिया। श्री चिराग ने आगे कहा स्पष्ट करना चाहूंगा यह लड़ाई जो मैनें बिहार में लड़ी वह अपने हितों की लड़ाई नही बल्कि अपने नीतियों की लड़ाई को लड़ा जो मेरे पार्टी का विजन बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट की लड़ाई थी। हर मोर्चे पर लगातार हमने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गलत नीतियों का विरोध किया। एनडीए में शामिल होने के बाद श्री चिराग ने देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी, गृहमंत्री श्री अमित शाह जी भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा जी समेत तमाम भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के प्रति आभार जताया। श्री चिराग ने हाजीपुर की लोकसभा सीट पर अपने पार्टी से उम्मीदवार उतारने की बात को भी दोहराया।
उक्त आशय की जानकारी पार्टी के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता राजेश भट्ट ने दी।
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