बिहार में कोरोना वायरस की तीसरी लहर में ओमीक्रोन वैरिएंट के मामले अब कन्फर्म हो गए हैं। रविवार को आई जांच रिपोर्ट में आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं। एक बार में 85 प्रतिशत ओमीक्रोन के मामले की पुष्टि होने से सरकार और स्वास्थ्य महकमे की टेंशन भी बढ़ जाएगी। कुल 32 सैंपल की जीनोम सिक्वोंसिंग में 27 ओमीक्रोन वैरिएंट मिले हैं। चार में डेल्टा वैरिएंट एवं एक सैंपल में वैरिएंट की पहचान नहीं हो सकी है। एक मरीज में न तो वायरस ओमीक्रोन है और न डेल्टा। उसमें किसी अलग म्यूटेशन का संक्रमण है। दो अन्य की रिपोर्ट में भी ओमीक्रोन की आशंका जताई गई है। संक्रमितों में आइजीआइएमएस के डाक्टर, कर्मी व बिहार के विभिन्न जिला के मरीज भी शामिल है।
85 फीसद मामले ओमीक्रोन के
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) में बीते 29 दिसंबर से तीन जनवरी 2022 तक कोरोना संक्रमण के लिए आएं सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई गई। इसमें 85 प्रतिशत मामले ओमीक्रोन वैरिएंट के पाएं गए। आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डा. नम्रता कुमारी एवं वैज्ञानिक डा. अभय कुमार सिंह के निर्देशन में यह जांच की गई। चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि जीनोम सिक्वेंसिंग के 32 सैंपल के रिपोर्ट आ गए है। 27 में ओमीक्रोन व चार में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टी हुई है।
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