बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद बिहार की सियासत में गर्मी देखने को मिल रही है. दूसरे दिन सीएम नीतीश ने 9 दलों को बैठक बुलाई है जिनकी सहमति से इसकी शुरूआत की गई थी
सीएम नीतीश का उद्देश्य है कि उन सभी 9 दलों को औपचारिक रूप से इसकी जानकारी सीएम नीतीश के जरिए दी जा रही है. इन दलों का सुझाव भी नीतीश कुमार ले सकते हैं.
पटना : बिहार में सीएम नीतीश कुमार जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद सभी 9 दलों को इससे अवगत करा रहे हैं. बैठक में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद हैं. इस अहम बैठक में सभी 9 दलों के नेता एक-एक कर सचिवालय संवाद में पहुंचे. सीएम नीतीश ने एक एक कर सभी नेताओं को जातीय जनगणना से संबंधित आंकड़े पेश कर जानकारी दी.
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बैठक में शामिल हुए ये दल : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र यादव, आरजेडी से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, कांग्रेस की ओर से विधानसभा में नेता शकील अहमद खान, माले की ओर से नेता महबूब आलम, बीजेपी की ओर से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी के अलावा ओवैसी की पार्टी से एकमात्र विधायक अख्तरुल इमान पहुंचे हैं.
माले विधायक महबूब आलम ने बैठक में जाने से पहले प्रतिक्रिया स्वरूप कहा कि ”जातीय गणना की रिपोर्ट स्वागत योग्य है. अब सबको उसी हिसाब से हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. पहल भी उसी के अनुरूप होनी चाहिए. पहले भी बिहार में मुख्यमंत्री मुस्लिम धर्म से बन चुके हैं तो अब क्यों नहीं बन सकते.”
बिहार में जातिगत गणना के नतीजे : जातीय गणना शुरू करने से पहले भी मुख्यमंत्री ने सभी 9 दल के नेताओं के साथ बैठक की थी. इन 9 दलों की सहमति के बाद ही सर्वे का काम शुरू कराया था. कई रुकावटों के बाद आखिरकार सरकार ने सर्वे के आंकड़े जारी कर दिए हैं. इस सर्वे रिपोर्ट में सर्वाधिक संख्या हिन्दुओं की है. बिहार की कुल आबादी 13,01725310 है.
ओबीसी की संख्या सर्वाधिक : बिहार में हिन्दू 81.9% जबकि मुस्लिम धर्म को मानने वालों की संख्या 17.7% है. वहीं ओबीसी की संख्या 63% रिकॉर्ड की गई. जबकि सवर्णों की संख्या 15% है. वहीं एससी-एसटी की संख्या 21 फीसदी दर्ज की गई है.
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