पटनाः बिहार विधानमंडल का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है क्योंकि राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार हाल ही में जारी जाति आधारित सर्वेक्षण पर रिपोर्ट सदन के पटल पर रखने की तैयारी कर रही है।
आज यानि 6 नवंबर को द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पेश की जाएगी। राज्यपाल द्वारा स्वीकृत की गई अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियां सदन में रखी जाएंगी। 7 और 8 नवंबर को राजकीय विधायक एवं अन्य राजकीय कार्य होंगे। इसी दिन जाति आधारित गणना के तहत आर्थिक सर्वे पेश किया जा सकता है। 9 नवंबर को द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर वाद विवाद होगा। जाति आधारित गणना के बाद जदयू कांग्रेस और वाम दलों के नेता 63% पिछड़ा अति पिछड़ा आबादी की भलाई की योजना की अब बात कर रहे हैं तो भाजपा आंकड़ों के मेकैनिज्म पर ही सवाल उठा रही है।
जाति जनगणना की पूरी रिपोर्ट होगी पेश
वैसे जाति गणना की रिपोर्ट 2 अक्टूबर को ही राज्य सरकार सार्वजनिक कर चुकी है ऐसे में जातीय गणना जारी होने के बाद यह पहला सत्र है जिस कारण सदन में इस मसले पर सरकार द्वारा बहस कराई जा सकती है। आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े समेत जाति आधारित गणना की पूरी रिपोर्ट विधानमंडल में पेश की जा सकती है। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में सभी वर्गों की डिटेल जानकारी ली गई है। हर जाति की जानकारी के साथी हर घर परिवार की आर्थिक, शैक्षणिक स्थिति की जानकारी, सभी धर्म के लोगों की विवरणी कोटिवार संक्षिप्त विवरणी समिति कुल 17 प्रश्नों की विवरणी तैयार की गई है, जिसमें शैक्षणिक योग्यता, कार्यकलाप,आवासीय स्थिति, अस्थाई प्रवासी स्थिति, कंप्यूटर /लैपटॉप उपलब्धता, मोटर यान,कृषि भूमि, आवासीय भूमि सभी स्रोतों के मासिक आय के आंकड़े एकत्रित किए गए हैं
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