पटना। बिहार में अब प्रखंड स्तर पर आवासीय स्कूल खोले जाएंगे। इसके लिए जमीन की उपलब्धता और विद्यालय के माडल सहित अन्य जरूरतों के आकलन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है। वे गुरुवार को अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कल्याण (एससी-एसटी) विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस क्रम में उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति की 50 हजार से अधिक आबादी वाले प्रखंडों में एस-एसटी माडल आवासीय विद्यालय की स्थापना की बात कही। सीएम ने कहा कि इससे बिहार की बड़ी आबादी को लाभ होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ग के विद्यार्थियों के जो छात्रावास जर्जर हैं उसे नए भवन में परिणत किए जाने का काम तेजी से पूरा करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवासीय विद्यालयों में रहने वाले विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराए जाने को ले दीदी की रसोई के माध्यम से मेस का संचालन कराया जा सकता है। छात्रावासों में खाद्यान्न आपूर्ति योजना के तहत वहां रहने वाले विद्यार्थियों को प्रति माह 15 किलो के हिसाब से खाद्यान्न आपूर्ति की व्यवस्था जारी रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ग के लोगों के बीच बौद्धिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए सामुदायिक सह वर्कशेड का निर्माण कराया गया है। यह सुनिश्चित किया जाए कि वह केंद्र काम करे। यह देखा जाए कि इसे कैसे और बेहतर बनाया जा सकता है। छात्रवृत्ति एवं मेघावृत्ति से संबंधित योजनाओं का संचालन ठीक से होता रहे। थरूहट समाज के लिए चलायी जा रही विकासात्मक योजनाओं की अद्यतन स्थिति का आकलन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में आने के बाद हम लोगों ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई हैैं। उनकी सुविधाओं एवं उत्थान को ले लगातार काम हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस वर्ग के लिए संचालित योजनाओं की अद्यतन स्थिति का आकलन करते रहें। चीजों को और बेहतर करें ताकि इस वर्ग के लोगों का समुचित विकास हो सके।
समीक्षा बैठक में एससी-एसटी कल्याण विभाग के सचिव देवेश सेहरा ने एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। बैठक में एससी-एसटी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार व सचिव अनुपम कुमार भी मौजूद थे।
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