पटना। बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच शराबबंदी को लेकर राय बंट गई है। जदयू जहां इसे सही बता रहा है तो बीजेपी और जीतनराम मांझी के हिदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) शराबबंदी से राज्य को नुकसान होने की बात कह रहे हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में शनिवार को हुई घटना ने तूल पकड़ लिया है। नालंदा में जहरीली शराब पीने से अबतक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। जिलाधिकारी ने खुद इस बात की पुष्टि की है। इस मसले पर अब राजनीतिक बयानबाजी तेज है। भाजपा की तरफ से बिहार में पार्टी अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल तो पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू की तरफ से मोर्चा संभाल लिया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा है कि उपेंद्र कुशवाहा मंथरा हैं। सुपारी लेकर सर्वनाश करने आए हैं।
नालंदा मामले को लेकर रविवार को भाजपा अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाए। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जब पलटवार किया तो मामले ने तूल पकड़ लिया। उपेंद्र कुशवाहा को भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह ने मंथरा बता दिया। अरविंद ने कहा कि मंथरा की तरह हरकत कर रहे उपेंद्र किसी दूसरे दल से सुपारी लेकर आए हैं। वह सर्वनाश करने पर तुले हैं। वहीं निखिल आनंद ने अब भी पूर्व केंद्रीय मंत्री पर कटाक्ष किया है। उपेंद्र का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि गौशाला में गायों को सानी-पानी देने का काम करने वाला भी कई बार बिना दूध पिये ही खुद को पहलवान समझने लगते हैं। निखिल ने कहा कि छोटी जमात के लोग बड़े दरबार की व्यवस्था का ऐहसास नहीं कर सकते। खुद तीन में हैं कि तेरह में, जहां हैं वहीं के लोगों से पूछ लें! वह दिन दूर नहीं कि अगली जगह ढूंढ़नी पड़ेगी।
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