पटना, 16 मई 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज भगवान बुद्ध की 2566वीं जयंती के अवसर पर बुद्ध स्मृति पार्क में आयोजित विशेष कार्यक्रम में भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की। मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्मृति पार्क में भगवान बुद्ध, बोधिवृक्ष एवं आनंद बोधि वृक्ष की पूजा-अर्चना की। बौद्ध भंते ने मुख्यमंत्री को पूजा अर्चना कराई। मुख्यमंत्री ने बुद्ध स्मृति पार्क स्थित पाटलिपुत्र करुणा स्तूप में भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि के सामने भगवान बुद्ध की पूजा अर्चना की परिक्रमा की और ध्यान किया। उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं के साथ बैठकर विश्व शांति के लिए मंगल कामना की तथा राज्य एवं देश की सुख समृद्धि एवं अमन चैन की कामना की। मुख्यमंत्री को बौद्ध भंते द्वारा बुद्ध स्मृति पार्क में प्रतिस्थापित बुद्ध की प्रतिमा तथा बोधगया का बोधिवृक्ष तथा श्रीलंका के अनुराधापूरम से लाये गए वृक्ष की पूजा अर्चना करायी गई।
मुख्यमंत्री ने विपश्यना केंद्र जाकर वहां की सारी व्यवस्थाओं की जानकारी ली और वहां ध्यान भी किया। विपश्यना केंद्र के संचालकों ने विपश्यना केंद्र के निर्माण एवं वहां उपलब्ध करायी जानेवाली सुविधाओं को लेकर मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
विपश्यना केंद्र में ध्यान के पश्चात् अपने शुभ संकल्प संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि विपश्यना केंद्र बनाने को लेकर एक टीम जिस दिन मुझसे मिली थी उसी दिन इसके विशेषज्ञ सत्यनारायण गोयनका जी का निधन हो गया था। यह संयोग है कि जब यह तय किया गया तो वो उसी दिन चले गए। उन्हीं की आवाज में 10 मिनट का यह ध्यान किया जाता है। उनकी अच्छी आवाज थी। वैसे तो हमलोग पहले से ही इसे बना रहे थे। जब विपश्यना के बारे में पूरी जानकारी मिल गई तो यह तय किया कि यहां विपश्यना केंद्र बनाया जाएगा। आप ही लोगों के अनुरूप और आपके अनुकूल इसे बना दिया गया। मुझे बड़ी खुशी हुई जब यह बनकर तैयार हो गया। मुझे पूरा भरोसा है कि विपश्यना के बारे में लोग जानेंगे। इसकी सबसे पहले शुरुआत मुंबई में हुई थी। अब यहां पर शुरु हो गया है बहुत अच्छी बात है। इसको प्रचारित कीजिए ताकि लोग इसके बारे में जानें। अब तो बच्चे-बच्चियां भी यहां आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम भी सुबह टहलने के बाद 10 मिनट विपश्यना प्रक्रिया करते हैं तो काफी अच्छा महसूस होता है। यहां पर आकर 10 दिनों तक लोग पूरे तौर पर एक-एक चीज को समझेंगे और एक-एक चीज का अध्ययन करेंगे। यहां विपश्यना में आने वाले लोगों के लिए रहने, खाने की व्यवस्था की गई है। एक-एक चीज का ख्याल रखा गया है। कहां पर उन्हें सिखाया जाएगा, कहां पर वो आराम करेंगे, कहां पर भोजन का इंतजाम होगा, ये सब काम करा दिया गया है। दो साल से इधर कोरोना के कारण यहां आने का मौका नहीं मिला। इस बार आने का मौका मिला तो हमें बहुत खुशी हुई है। यहां की गई व्यवस्थाओं के संबंध में आपलोगों से जानकारी मिली है। आपलोग इसका संचालन बेहतर ढंग से करते रहें। हमलोगों का पूरा का पूरा सहयोग है। हमारे अधिकारीगण इसके लिए तत्पर हैं। किसी प्रकार की कोई जरुरत होगी तो उसे उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैशाली का अलग महत्व है। यहां बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय बहुत अच्छे ढंग से बनाया जा रहा है। बिहार में टूरिस्ट की संख्या बढ़ती जा रही है। देश के लोग तो यहां आते ही हैं विदेशों से भी भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। पर्यटक बोधगया और राजगीर तो जाते ही हैं हम चाहते हैं कि वे वैशाली भी जाएं। बोधगया में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। राजगीर में वे उपदेश देते थे, यहां आकर रहते भी थे। राजगीर में वो जहां रहते थे उसका भी एक्सपेंशन किया गया है। भगवान बुद्ध ने वैशाली में पहली बार महिलाओं का बौद्ध संघ में प्रवेश कराया था। यहाँ जहाँ बुद्ध स्मृति पार्क बना हुआ है, वहां पहले जेल हुआ करता था। हमलोग भी जे०पी० मुवमेंट में यहां जेल में रहे थे। उन्होंने कहा कि बुद्ध स्मृति पार्क में लोग आएंगे और सब कुछ जानेंगे। बच्चे-बच्चियां भी यहां उपस्थित हैं मुझे देखकर काफी खुशी हो रही है। ये अच्छी बात है कि बच्चे-बच्चियों को भी इसमें रुचि बढ़ रही है, इससे उनका ज्ञान बढ़ेगा और मन भी मजबूत होगा। आपस में प्रेम का भाव रखना है, किसी से विवाद नहीं करना है, ये सब बातें लोग यहां आकर सीखेंगे यह अच्छी बात है। मुझे आज यहां आने का मौका मिला और यहां आकर खुशी हो रही है।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने बुद्ध म्यूजियम का भी भ्रमण किया। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, पटना नगर निगम की मेयर श्रीमती सीता साहू, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी श्री मनीष कुमार वर्मा, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद किशोर, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि, जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह, नगर आयुक्त श्री अनिमेष पराशर, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मानवजीत सिंह ढिल्लो, बिहार राज्य नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव श्री अरविंद सिंह, बौद्ध भंते सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सबको मालूम है कि वर्ष 2007 में निर्णय लिया गया था कि यहां पर बुद्ध स्मृति पार्क बनाया जायेगा। बुद्ध स्मृति पार्क जब बनकर तैयार हुआ तो यहां सारी सुविधाएं उपलब्ध करायी गई। हम यहां हमेशा आते रहे हैं। पिछले दो वर्ष से कोरोना के कारण यहां नहीं आ पाए थे। आज यहां आकर हमें बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि यहां के बुद्ध म्यूजियम में भी बुद्ध से जुड़ी हुई चीजें लोग आकर देखते हैं। बच्चे-बच्चियां भी यहां आकर बुद्ध से संबंधित कई प्रकार की जानकारियां प्राप्त करते हैं। यहां कई प्रकार के कार्य किए गए हैं, बोधि वृक्ष भी लगाए गए हैं। लोगों को यहां आकर काफी प्रसन्नता होती है। यहां टूरिज्म को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भी आयोजन हुआ था। बुद्ध स्मृति पार्क को एक विशिष्ट जगह के रूप में विकसित किया गया है। आज भगवान बुद्ध के स्मृति का दिन है। यहां लोग आएंगे तो उन्हें कई प्रकार की जानकारी मिलेगी, उनका ज्ञान बढ़ेगा, अच्छी समझ विकसित होगी और वे जीवन में अच्छे मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। विकास के लिए बेहतर ढंग से काम करेंगे। दुनिया के कई देशों में भगवान बुद्ध को लोग मानते हैं। इस विशेष मौके पर हम उन्हें नमन करते हैं।
जातिगत जनगणना के संबंध में पत्रकारों के द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर एक बार ऑल पार्टी मीटिंग की जाएगी। सभी दलों के लोग इस पर अपना सुझाव देंगे। उसके बाद फाइनल रुप देकर इसे कैबिनेट से स्वीकृति लेकर आगे काम किया जाएगा। ऑल पार्टी मीटिंग के लिए जल्द ही सभी दलों से एक तिथि तय किया जाएगा। बैठक में एक-एक चीजों पर चर्चा कर सभी कुछ तय किया जाएगा। राज्य में जातीय जनगणना किस प्रकार किया जाएगा इस पर चर्चा होगी। जातीय जनगणना
•ठीक प्रकार से हो उसके लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को लगाया जाएगा। सभी दलों के सुझाव पर सरकार एक अंतिम नियम बनाकर उस पर आगे काम करेगी। मंत्रिमंडल विस्तार के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा तो आपलोगों को पता चल जाएगा।
इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने 1 अणे मार्ग तथा 7 सर्कुलर रोड स्थित आवास पहुँचकर बौद्ध शिला तथा बोधिवृक्ष की पूजा अर्चना की।
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