राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा नही, भारत तोड़ो यात्रा पर निकले हैं- मनोज शर्मा
पटना, 16 फरवरी। बिहार के सासाराम में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने जिस जीप पर सवार होकर रोड शो किया। वो साधारण 10-20 लाख की जीप नही थी वो 70 लाख से ज्यादा की जीप थी। जरा, गरीब किसानों और युवाओं की बात करने वाले दोनों नेता बताएं कि, करोडिया जीप पर चढ़ कर क्या संदेश देना चाहते है? बिहार के किसान और युवा अपने मेहनत के बल पर आगे बढ़ते है तो यहां आकर राहुल गांधी उन्हें भड़का रहे है। जबकि बिहार के किसानों को ऐसी कोई समस्या नही जिससे वो सरकार से नाराज हों और आंदोलन करें।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा भारत को जोड़ नही रही है, भारत को तोड़ रही है। इस यात्रा का नाम भारत तोड़ो यात्रा रखनी चाहिए। क्योंकि, राहुल गांधी कभी जोड़ने की बात नही करते है। वो अक्सर तोड़ने की बात करते है। नफरत की बात करते है और लोगों को केंद्र और राज्य की लोकप्रिय सरकार के खिलाफ भड़काते है।
राहुल गांधी इस यात्रा के माध्यम से ये बताना चाहते है कि वो पूरे भारत से प्रेम नही करते है वो उसी पॉकेट में जा रहे है जहां उनका वोट बैंक है । पहले चरण में राहुल गांधी सीमांचल के इलाके पर फोकस किये तो दूसरे चरण में औरंगाबाद और सासाराम पर फोकस कर रहे है। जाहिर सी बात है कि राहुल अपने वोट टारगेट पर ही फोकस कर रहे है।
राहुल गांधी यदि पूरे भारत को जोड़ने की बात करते तो दरभंगा, पटना , मुजफ्फरपुर भी यात्रा करते, यहां के युवाओं और किसानों से भी संवाद करते। लेकिन राहुल गांधी उन्ही क्षेत्र को चुन रहे है जहां कांग्रेस थोड़ी बहुत मजबूत स्थिति में है। लेकिन राहुल गांधी को ये समझना चाहिए कि बिहार के वोटर बहुत ही जागरूक है और उनकी इस चाल को बहुत अच्छी तरह समझते है।
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