आज पटना के होटल चाणक्या में भूमिहार महिला समाज के द्वारा बहुत ही भव्य रुप से माता की चौकी सह डांडिया का आयोजन किया गया।
जिसमे भूमिहार महिला समाज कि महिलाओं ने हर्षोल्लास के साथ गुलाबी और लाल रंग के परिधान पहन कर गरबा,डांडिया और लावणी का कार्यक्रम किया, और माता की चौकी मे शामिल हुई.
माता की चौकी में, मां की महिमा गायी गई और यह इस बात को दर्शाता है कि हमारी संस्कृति में स्त्रियों की क्या भूमिका रही है। यह इस तथ्य का प्रतीक है कि जैसे देवी मां सभी बुराइयों और राक्षसों को शांति और सुरक्षा स्थापित करने के लिए नष्ट कर देती है, वैसे ही पृथ्वी की सभी स्त्रियों को सम्मान प्रदान किया जाना चाहिए ताकि मानव जाति सकारात्मक और विकासात्मक मार्ग में प्रगति कर सके। प्रकृति में धार्मिकता तभी विकसित होती है जब व्यक्ति ब्रह्मज्ञान की तकनीक का अभ्यास करता है। ब्रह्मज्ञान मानवीय मन के प्राकृतिक तत्वों और शक्ति को संतुलित करता है।
देवी ,माँ की बहुत सी भेंटों का भी सुंदर प्रस्तुतिकरण किया गया और सभी भक्त भक्ति संगीत में खुशी से झूम भी उठे थे। माता की चौकी का सांस्कृतिक महत्व भी है क्योंकि यह समुदायों के बीच दोस्ती और खुशी को जन्म देती है
ये आयोजन प्रीति प्रिया के संयोजन में किया गया, आयोजन के दौरान प्रीति प्रिया जी ने कही की ये कार्यक्रम हम लोग हर दो महीनो में एक बार करते है,ताकि इस कार्यक्रम से भूमिहार महिला समाज जोड़ा जाये.
बता दे खुद प्रीति प्रिया जी एक समाजसेवी भी है और बीच बीच में कई सामजिक कार्य करती रहती है.
जिसमें पटना के अलावा बिहार के अलग-अलग जगहों से भूमिहार महिला समाज की महिलाएं सम्मिलित थी। लाल पीले परिधान में माता की चौकी की खूबसूरती तो देखते ही बनती थी, सच में सारा कार्यक्रम बहुत ही खूबसूरत भक्तिमय माहौल से ओत-प्रोत था। माता की चौकी के साथ डांडिया पूरे कार्यक्रम में चार चाँद लगा रहे थे। कार्यक्रम की शुरुआत माता की ज्योत जलाकर किया गया। विजय सोनी के भजन ने मौजूद सभी को झुमा दिया, महिलाएँ जमकर झूमी और नाची। साथ ही कुल मिलाकर आनंदित माहौल था। कार्यक्रम का समापन माता की आरती के साथ हुआ। जिसमें सभी महिलाओं ने एक साथ आरती किया। कार्यक्रम में प्रीति प्रिया, भावना भुषण, कल्पना, रश्मि, सोनाली, दिव्या, पूजा, मिली, प्रज्ञा, गुंजिता बच्चन, अमरावती सिंह आदि महिलायें शमिल थी।
प्रीति प्रिया
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