भूमिहार महिला समाज ने शुरू किया रोज़गार एक प्रयास

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बताते हुए बहुत ही हर्ष हो रहा कि हम सबके अथक प्रयास से आज से भूमिहार महिला समाज का एक निरंतर चलने वाला प्रोजेक्ट शुरू हुआ है जिसका नाम है ….

.रोज़गार…. एक प्रयास

जिसमें ३ सिलाई मशीन देकर एक training सेंटर खोला गया जहाँ महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा साथ ही

सजावटी कैंडिल बनाने की ट्रेनिंग संगीता नंदा जी के द्वारा दी गयी जो की बहुत अच्छी कैंडिल बनाने की एक्स्पर्ट है । जिससे हमारे गाँव की महिलायें सजावटी केंडिल बनाये और हम उनको शहर में ले जा कर बेच सके ।

भूमिहार महिला समाज की मशरूम वुमन जो की भूमिहार महिला समाज से ही आती हैं और पटना में रहतीं हैं जनक किशोरी जी जिन्होंने  वहाँ महिलाओं को मशरूम उत्पादन की ट्रेनिंग दीं और बताया की कैसे वो अपने ही घर के एक कमरे या किसी एक कोने से ही मशरूम उत्पादन की शुरुआत कर सकतीं हैं और धीरे धीरे इसे अपना व्यवसाय भी शुरू कर सकतीं हैं ।

हमारे साथ मुंबई से कविता रंजन जी भी आयी जो की महिलाओं को मधुबनी पैंटिंग , सिक्की आर्ट , सुजनी वर्क के बारे में बतायी और कैसे हम गाँव की महिलाओं को ख़ाली समय में इन सब से जोड़ कर उदयमिता की ओर प्रेरित कर सकते है ।

डब्ल्यू ई सी एस जो की महिला उद्धमी का संगठन है उसकी अध्यक्षा कल्पना कुमारी जी ने सभी महिलाओं को अपने रोज़गार को उद्धमिता से कैसे जोड़ा जा सकता है इसकी ट्रेनिंग भी दी साथ ही इच्छुक महिलाओं का पंजीकरण भी करवाया गया और इसके लाभ को भी कल्पना कुमारी ने बताया और सरकार से किस तरह से उद्धमिता के क्षेत्र में लाभ लिया जा सकता है सभी महिलाओं को इसका भी प्रशिक्षण दिया गया , और ये शुरू हुआ वैशाली प्रखंड* के हुसैना राघव ग्राम में जो की पटना से  60 min. की दूरी पर है । वहाँ क़रीब 150 महिलाओं को ये प्रशिक्षण दिया गया और उनकी क्षमता को देखते हुए उन्हें Kalpana जी की मदद से WECS से जोड़ कर उन्हें रोजगार दिया जाएगा । साथ ही हमने पर्यावरण की रक्षा हेतु संकल्प लिया और 20 फलदार पेड़ भी लगाया।

ये थी भूमिहार महिला समाज  की एक कहने को तो छोटी सी मगर देखा जाए तो एक बहुत ही मज़बूत कोशिश , जिससे एक या दो घर ही नहीं बल्कि आने वाले समय में एक बहुत ही बड़े बदलाव को देखा जा सकता है

 भूमिहार महिला समाज ने बताया की हमारा भूमिहार महिला हमेशा से ही इस तरह के कार्य करने को तत्पर रहता है सच में , यह एक सुखद अनुभूति और असीम आनंद ही तो है क्यंकि अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन जीवन तो तब सफल होता है जब हम औरों के लिए जिएँ । इस कार्यक्रम में पटना तथा मुज़फ़्फ़रपुर से से २५ महिलाएँ शामिल थीं ।

बहुत बहुत आभार हुसैना गाँव के सभी सदस्यों का और भूषण जी का आप के सहयोग से हम सब ने इस भव्य कार्यक्रम को किया।

भूमिहार महिला समाज

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