सेवा निवृत प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी को पुनः नियुक्त करने से पूर्व सरकार देखे उनकी सेवा का रिकार्ड।
भ्रष्ट्राचार में लिप्त पदाधिकारी को प्रोत्साहन देने से ईमानदारों के मनोबल का ह्रास।
राजद के सरकार में आने के साथ ही बिहार में प्रशासनिक अराजकता और भ्रष्ट्राचार की बाढ़।
पटना, 27 दिसंबर 2023
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने सिपाही भर्ती के अध्यक्ष पद से एस.के. सिंघल को मुक्त करने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद दिया है और मांग की है कि श्री सिंघल की सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक में भूमिका एवम इनकी संपत्ति की भी जाँच करायी जाए।
श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य पुलिस महानिदेशक रहते हुए इनपर चीफ जस्टिस बनकर फोन करने वाले अभिषेक अग्रवाल के जरिये आई.पी.एस आदित्य कुमार को मदद करने का आरोप है। लेकिन विवादों में घिरे सिंघल को दंडित करने के बजाये सेवानिवृति के बाद इन्हें केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) का अध्यक्ष बना दिया गया।हमने विधानसभा के अंदर औऱ बाहर इनके भ्रष्टाचार औऱ अन्य आरोपों की जाँच कराने औऱ पदमुक्त करने हेतु बार बार सरकार से आग्रह किया। सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक हुआ।श्री सिंघल ने इसका खंडन किया। पेपर लीक में सिंघल की भूमिका की भी जाँच होनी चाहिए ताकि सच्चाई राज्य की जनता के समक्ष उजागर हो सके।
श्री सिन्हा ने कहा कि पिछले 10-12 वर्षों में सरकार द्वारा सेवा निवृत आई.ए.एस, आई.पी.एस एवं अन्य संवर्ग के पदाधिकारियों को विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर बैठाने का चलन हो गया। मैं इसका विरोधी नहीं हूँ परंतु सरकार इनकी नियुक्ति के पूर्व सेवा काल के इतिहास की समीक्षा करे। प्राय: देखा गया है कि अनेक भ्रष्ट पदाधिकारी येन केन प्रकारेण रिटायरमेंट के बाद अपनी पोस्टिंग करा लेते हैं। इसके कारण ईमानदार पदाधिकारी के मनोबल में ह्रास होता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि 16 महीना पूर्व राजद के सरकार में आने के बाद से बिहार में प्रशासनिक आराजकता और भ्रष्टाचार की बाढ़ आ गई । इनके बड़े नेता से छोटे नेता तक पंचायत से लेकर राजधानी मुख्यालय तक लूट मचा दिये हैं । भ्रष्टाचार को बढाने में राज्य के अधिकारी और मंत्री जी जान से लगे हैं ।बिहार की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है।कानून व्यवस्था पर ध्यान देने के वजाय अधिकारी दारू औऱ बालू माफिया से उगाही में लगे हैं।
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