पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर ने मंदिर को लेकर दिए विवादित बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि कुछ समाचार पत्रों के माध्यम से मेरी खबरों को भ्रामक तरीके से फैलाया जा रहा है। मैं प्रभु श्री राम का भक्त हूं ,उस राम का भक्त हूं, जो सवरी के झूठे बैर खाते हैं। मेरे बयानों को तोड़ मोड़ कर चलाया जा रहा है।
“शबरी के जूठे बैर खाने वाले श्रीराम का भक्त हूं”
शिक्षा मंत्री ने कहा कि फतेह बहादुर ने सावित्री बाई फुले की बात कही थी। उन्होंने कोट किया था उनकी बातों को। जब शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर से पूछा गया कि क्या आप अयोध्या में श्री राम मंदिर जाएंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह भगवान श्री राम के इस रूप को पूजते हैं, जिसमें वह माता शबरी के जूठे बेर खाते हैं, जिस मंदिर में सवरी और एकलव्य के बेटे को रोक दिया जाता है। गर्भगृह में अश्विनी वैष्णव जा सकते हैं पर द्रौपदी मुर्मू को रोका जाता है क्योंकि वो आदिवासी समाज से आती हैं तो नफरत वादियों के मंदिर में क्यों जाऊं?
बता दें कि रोहतास के डेहरी में एक कार्यक्रम में फतेह बहादुर के बयान का समर्थन करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रस्ता होता है। जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता दिखाता है। गौरतलब हो कि जैसे-जैसे अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का दिन नजदीक आ रहा है वैसे ही बिहार में राजद नेता अपने बयानों से हिन्दू आस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अब देखना होगा कि क्या अपने बयानों के जरिए राजद अपने कोर वोटों को ध्रुवीकरण करने में सफल हो पाता है या नहीं।
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