पटनाः जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता और पूर्व विधान पार्षद प्रो. रणबीर नंदन ने मंदी की दस्तक पर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि देश में मंदी की दस्तक पड़ चुकी है। रुपया न्यूनतम स्तर पर है। उन्होंने केंद्र सरकार से खाद्यान्न पर जीएसटी लगाया जाना मंदी की आहट के बीच गरीब परिवारों के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाले है। खासकर बिहार जैसे राज्य में, जहां 33.7 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे निवास करती है।
प्रो. नंदन ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट को देखें तो तमाम प्रयासों के बाद नीतीश कुमार की सरकार ने 65.3 फीसदी आबादी को गरीबी रेखा से ऊपर बरकरार रखने में सफलता हासिल की है। उद्योग-धंधों के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार प्रयासरत हैं। इसके लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए बिहार सरकार लगातार वर्ष 2005 के बाद से विशेष राज्य के दर्जे की मांग करती रही है। वर्ष 2000 में बिहार से झारखंड को अलग किए जाने के बाद प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के साधन विकसित करने पर जोर नहीं दिया गया। प्रदेश को पहले ही पिछड़ेपन की गर्त में धकेल दिया गया था। ऐसे में नीतीश कुमार की सरकार ने पिछले 16 सालों में समेकित विकास पर जोर दिया है, लेकिन संपूर्ण विकास के लिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना जरूरी है।
प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि ऐसे में मंदी के दौर में लोगों को भूखे न रहना पड़े, इसके लिए अभी से हर पहलू पर विचार करने की जरूरत है। केंद्र सरकार को इस दिशा में बिहार से विशेष रूप से बात करने की जरूरत है। प्रदेश में गरीब परिवारों को दोनों वक्त का खाना मुहैया हो सके, इसके लिए कार्यक्रम तैयार करना ही होगा। समय रहते इन विषयों को सुलझाया जाना जरूरी है।
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