राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं।
• सभी वर्गों के लिए रोजगार सृजन एवं उनकी आमदनी में वृद्धि के लिए सरकार पूरी तरह प्रयासरत है।
• निवेशकों की सुविधा हेतु राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की रियायतें दी जा रही हैं। इसकी पूरी जानकारी सभी
को दें।
• मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत राज्य के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग, महिलायें एवं युवायें लाभान्वित हो रहे हैं।
पटना, 19 सितम्बर 2022 – मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक हुई।
बैठक में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री संदीप पौंड्रिक ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से उद्योग विभाग में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं विभाग के अद्यतन कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, औद्योगिक विकास, बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार, निवेश प्रोत्साहन, स्टार्टअप हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प तथा महत्वपूर्ण परियोजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बिहार औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2016 के अंतर्गत प्राप्त प्रस्तावों की वर्षवार स्थिति की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान मुजफ्फरपुर लेदर कलस्टर पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई कार्य किए गए हैं। बिहार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की काफी संभावनाएं हैं। बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई सुविधाएं दी गई हैं। निवेशकों की सुविधा हेतु राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार की रियायतें दी जा रही हैं, इसकी पूरी जानकारी सभी को दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिकरण को गति देने के लिए वर्ष 2006 से ही हमलोग प्रयासरत हैं। वर्ष 2006 में ही गन्ने से इथेनॉल के उत्पादन के लिए उस समय की केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजकर अनुमति मांगी गई थी लेकिन अस्वीकृत कर दिया गया था। एक बहुत बड़े निवेशक उस समय 21 हजार करोड़ रूपये का निवेश इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि अब इथेनॉल उत्पादन के प्रस्ताव की मंजूरी के बाद इथेनॉल उत्पादन को लेकर राज्य में निवेशक आ रहे हैं। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और किसानों की आर्थिक स्थिति में और सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। सभी वर्गों के लिए रोजगार सृजन एवं उनकी आमदनी में वृद्धि के लिए सरकार पूरी तरह प्रयासरत है। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत राज्य की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अतिपिछड़ा वर्ग एवं महिला उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है, जिसमें 5 लाख रुपये का अनुदान एवं 5 लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अल्पसंख्यक लोगों को भी उद्योग लगाने में मदद देने के लिये 5 लाख रूपये तक की सहायता और 5 लाख रूपये का ऋण दिया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के युवा उद्यमियों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है, जिसमें 5 लाख रुपये का अनुदान एवं 5 लाख रुपये पर एक प्रतिशत ब्याज युक्त ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसका लाभ सभी को मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम चंपारण जिले के स्टार्टअप जोन चनपटिया में कुशल श्रमिकों द्वारा बेहतर उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं जिसका मैंने खुद भी निरीक्षण किया था। हमलोगों की कोशिश है कि राज्य के लोगों को काम मिले और उनकी आमदनी बढ़े। राज्य में उद्योगों का विकास हो। इसके लिए सरकार हरसंभव मदद करने को तैयार है।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, उद्योग मंत्री श्री समीर कुमार महासेठ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, विकास आयुक्त श्री विवेक कुमार सिंह, स्वास्थ्य सह पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री संदीप पौड्रिक, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री बालामुरुगन डी०, निर्देशक उद्योग श्री पंकज दीक्षित, निदेशक तकनीकी विकास निदेशालय श्री संजीव कुमार, निदेशक हैंडलूम एवं सेरी कल्चर श्री विवेक रंजन मैत्रेय उपस्थित थे।
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