* कार्रवाई के मामले में भी ‘एम- वाई’ समीकरण का ख्याल कर राजद दिखा रहा है अपना दोहरा मापदंड
* सत्ता की लोलुपता में राजद समाज में नफरत, घृणा, उन्माद और जातीय विद्वेष फैलाने की कर रहा है कोशिश
पटना, 18-01-2023
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि अपने एक पूर्व मंत्री के खिलाप कार्रवाई के मामले में राजद की नीयत में ही खोट है। एक ओर तो वह मुख्यमंत्री को सच का आईना दिखाने वाले अपने पूर्व मंत्री को नोटिश थमा रहा है, वहीं दूसरी ओर रामचरित मानस की निंदा कर समाज को नफरत की आग में झोंकने की साजिश करने वाले शिक्षा मंत्री को समर्थन दे रहा है, क्योंकि वह राजद के एम-वाई समीकरण के दायरे में हैं। इस तरह से ए टू जेड की पार्टी का दावा करने वाला राजद कार्रवाई के मामले में दोहरा मापदंड अपना रहा है।
श्री सिन्हा ने कहा कि राजद के पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ने तो मंत्री पद पर रहते हुए नीतीश कुमार को उनकी सरकार के भ्रष्टाचार से अवगत कराने की कोशिश की। मगर नैतिक बल खो चुके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सच बर्दाश्त नहीं हुआ, परिणामतः कृषि मंत्री को अपना पद गवाना पड़ा। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे राजद को भी भला सच कैसे स्वीकार होगा?
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर वोटों के ध्रुवीकरण और तुष्टिकरण की राजनीति के तहत शिक्षा मंत्री के घोर आपत्तिजनक बयान के बावजूद राजद का शीर्ष नेतृत्व उनके समर्थन में खड़ा हो गया। विपक्ष और सत्ताधारी जदयू सहित अन्य सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनों के तीखे विरोध के बावजूद न तो राजद और न ही मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की हिम्मत जुटा पा रहे हैं।
दरअसल ए टू जेड की पार्टी होने का दावा करने वाला राजद आज भी महज अपने पुराने एम-वाई समीकरण तक ही सीमित है। शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर राजद किसी कार्रवाई से इसलिए बचना चाह रहा है कि वे ‘वाई’ है और सुधाकर सिंह को इसलिए नोटिश देकर कार्रवाई की धमकी दी जा रही है कि वे एम-वाई समीकरण से बाहर है। ऐसे में सत्ता की लोलुपता में राजद समाज में नफरत, घृणा, उन्माद और जातीय विद्वेष की ओर कदम बढ़ा रहा है। इसीलिए कार्रवाई के मामले में भी राजद दोहरा मापदंड अपना रहा है।
हाल ही की टिप्पणियाँ