जनप्रतिनिधियों का अपमान लोकतंत्र का कमजोर करने के समान- विजय सिन्हा
राजा का भाव त्याग प्रधान सेवक से ज्ञान प्राप्त कर मुख्य सेवक बने मुख्यमंत्री- विजय सिन्हा
राजा के तरह हाव भाव एवं व्यवहार से क्या साबित करना चाहते है मुख्यमंत्री;
दरुआबारी गाँव में भ्रमण में प्रभारी मंत्री की उपस्थिति के बावजूद उनसे कोई विमर्श नहीं;
5 दिसम्बर,2023
बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री की समाधान यात्रा पर तंज कसते हुए पूछा है कि चंपारण की धरती पर पांव रखते ही जंगल सफारी का भ्रमण कर किस समस्या का समाधान किया गया?
नेता प्रतिपक्ष ने बयान जारी कर कहा कि वर्षो से वहां बन रहे कन्वेशन सेंटर का आधा -अधूरा निर्माण कार्य मुख्यमंत्री को आयना दिखाने के जैसा लग रहा है। राजा महाराजा की तरह इस सर्दी के मौसम में नृत्य कार्यक्रम का आयोजन करना क्या लोकशाही का अपमान नहीं है?
श्री सिन्हा ने कहा कि आलापदाधिकारीयों के साथ सज-धज कर पहुंचने पर अधिकारीयों द्वारा प्रायोजित स्थल पर ही उन्हें ले जाया जा रहा हैं जिससें उन्हें सब हरा भरा ही दिख सके। छात्राओं को जबरन ठंड में लाईन में लगावाकर सब अच्छा दिखानें की कोशिश की गई।
श्री सिन्हा ने कहा कि दरुआबारी गाँव में प्रभारी मंत्री श्री ललित यादव जी मुख्यमंत्री के अगवानी के लिए खडे़ थे। परन्तु मुख्यमंत्री जी ने उपेक्षा कर न तो कोई विमर्श किया न हीं उनसें कोई फीडबैक लिया। वहां भी वे जदयू कोटे के दो मंत्री से विमर्श करते नजर आये।
श्री सिन्हा ने कहा कि जल जीवन हरियाली एवं हर घर नल योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण 80 से 85 प्रतिशत लोकधन का अपव्यय हुआ है। क्या मुख्यमंत्री जी इन योजनाओं में व्याप्त 35 प्रतिशत कमीशन का वायरल विडियों की सत्यता को जानना चाहेंगे।
श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का हाव भाव एवं व्यवहार से वहां साबित हो रहा था की राजा को अपनी प्रजा के दुखों से कोई मतलब नहीं है। इस यात्रा का उद्देश्य जनता की गाढ़ी कमाई को लूटाना, न्याय के साथ विकास को नकारना एवं राज्य में व्याप्त प्रशासनिक अराजकता, बिगडती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, अपराध एवं बलात्कार की घटनाओं से मुंह छिपाना है।
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