मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने संविधान दिवस के अवसर पर वेटनरी कॉलेज में जदयू द्वारा आयोजित भीम संसद एवं सम्मान समारोह का उद्धाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर काफी संख्या में लोग आए हैं। मैदान के अलावा काफी संख्या में लोग सड़कों पर भी हैं।
यह मैदान भी काफी बड़ा है लेकिन जितने लोग यहां आए हैं उसको देखकर लगता है कि इसका आयोजन गांधी मैदान में करना चाहिए था। इसको लेकर हम श्री अशोक चौधरी का अभिनंदन करते हैं। उन्होंने इसको लेकर हमसे चर्चा की थी और कहा था कि वे भीम संसद का आयोजन करेंगे। हम आपलोगों की सेवा करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। यहां पर उपस्थित सभी लोगों का अभिनंदन है। पहले समाज के अंतिम पायदान पर के लोगों पर कोई ध्यान नहीं देता था। हमने उन्हें आगे बढ़ाने के लिए काफी काम किया। हम सबके हित में काम करते हैं और आगे करते रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। आज के दिन, 26 नवंबर 1949 को बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के नेतृत्व में संविधान बनकर तैयार हुआ था। 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू हुआ। हम बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर के परिवार से मिलते रहे हैं। हमलोग अपनी पार्टी के कार्यालय में महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर, लोकनायक जय प्रकाश नारायण और जननायक कर्पूरी ठाकुर के चित्र को लगाये हुए हैं। इन्हीं लोगों के विचारों पर हमलोग चल रहे हैं।
ललन बाबू भी जननायक कर्पूरी ठाकुर के शिष्य थे। इन लोगों के विचारों को अपनाकर ही हमलोग बिहार में काम कर रहे हैं। वर्ष 2005 में हमें बिहार में सेवा करने का मौका मिला। पहले शाम में कोई अपने घर से बाहर निकलता था? हम सभी लोगों की इज्जत करते हैं। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अपर कास्ट, हिंदू- मुस्लिम, सभी के लिए हमलोगों ने काम किया है। आज यहां पर काफी तादाद में महिलाएं आयी हुई हैं। हमने इनलोगों के लिए काफी काम किया है। पहले 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जाते थे। इनमें मुस्लिम और महादलित वर्ग के बच्चे अधिक थे। हमने योजना बनाकर इन बच्चों को स्कूल भेजने का काम किया। विकास मित्र, टोला सेवक और तालिमी मरकज के वेतन में काफी बद्धोत्तरी की गयी है। विकास मित्र का वेतन 13,700 रुपये से बढ़ाकर 25000 जबकि टोला सेवक और तालीमी मरकज के वेतन को बढ़ाकर 22000 रुपये कर दिया गया है। अगले साल इनके वेतन को और बढ़ायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार मे हमलोगों ने जाति आधारित गणना करायी है। हमलोगों ने देश में जातीय जनगणना कराने की मांग की थी लेकिन वे लोग नहीं सुने। जाति आधारित गणना की रिपोर्ट में जनसंख्या बढ़ने के कारण अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके साथ ही पिछड़े वर्ग का आरक्षण 12 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत और अति पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया है। इस तरह इन वर्गो का आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़कर 65 प्रतिशत हो गया है। केंद्र सरकार के द्वारा 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। जिसका हमलोगों ने समर्थन किया था। इस तरह बिहार में 75 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
बिहार में जाति आधारित गणना के साथ-साथ परिवारों की आर्थिक स्थिति का भी आकलन किया गया है। सर्वे में सामने आये हर गरीब परिवार को 2 लाख रुपये का अनुदान दिया जायेगा जिससे वे लोग अपना नया काम शुरु कर सकें। इस पर 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपया खर्च होगा। हमलोग इसे 5 वर्ष में प्रति वर्ष 50 हजार करोड़ रुपया खर्च कर पूरा करेंगे लेकिन अगर केंद्र सरकार बिहार का विशेष राज्य का दर्जा दे दे तो यह काम दो वर्ष में पूरा हो जायेगा। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए हमलोग अभियान चलायेंगे।
आप लोग करीब 2 लाख से अधिक की संख्या में उपस्थित हैं,आपलोग इसके समर्थन में हाथ उठाकर अपनी सहमति दीजिए। वहां उपस्थित जनसमूह ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने को लेकर अपना समर्थन दिया। केंद्र सरकार कोई काम नहीं कर रही है। सिर्फ अपना प्रचार-प्रसार कर रही है। केंद्र सरकार की योजना में 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार की जबकि 40 प्रतिशत राज्य सरकार की राशि लगती है लेकिन फिर भी केंद्र सरकार उसको अपनी योजना बताती है। हम सभी तबके के उत्थान के लिए काम करते रहेंगे। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के विचारों पर चलकर हमलोग आगे बढ़ते रहेंगे। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जो सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी है उस पर हमलोग काम करते रहें। बाबा साहेब ने नारा दिया था कि शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो। हमलोग उनके बताये रास्ते पर चलकर आगे भी काम करते रहेंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने बाबा साहेब भीमराम अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम में चांदी का मुकुट पहनाकर मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का स्वागत किया गया।
बोधगया के मुखिया श्री साधु मांझी, रोहतास के जनप्रतिनिधि श्री शिवशंकर डोम, भागलपुर की जिला परिषद सदस्य श्रीमती सोनी देवी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री रत्नेश सादा, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमा खान, विज्ञान एवं प्रौवैद्यिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, लघु जल संसाधन मंत्री श्री जयंत राज, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश कुशवाहा सहित अन्य सांसदगण, विधायकगण, विधानपार्षदगण सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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