• मेंटेनेंस का काम विभाग द्वारा ही किया जाय
• पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग जल्द से जल्द विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना बनाएं।
• पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग आपस में विचार कर ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी जल्द तैयार करे।
• विभाग के इंजीनियर पथों के मेंटेनेंस में सक्रिय भूमिका निभाएं, इससे खर्च में कमी आएगी साथ ही कार्य की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
• चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक निरीक्षण कार्य ठीक ढंग से करें।
• मेंटेनेंस को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न हो, जो लापरवाही बरतते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई करें।
• विभागीय स्तर से सड़कों का बेहतर मेंटेनेंस किये जाने से इंजीनियरों की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
पटना, 29 जनवरी 2022- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग की मेंटेनेंस पॉलिसी से संबंधित समीक्षा बैठक की।
बैठक में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि राज्य में अच्छी सड़कों एवं पुल-पुलियों के निर्माण से ट्रेवल टाइम में कमी आई है तथा शिक्षा, व्यापार, कृषि आदि क्षेत्रों में चहुंमुखी विकास परिलक्षित हुआ है।
21 फरवरी 2013 को ओ०पी०आर०एम०सी० (आउटपुट एण्ड परफार्मेंस बेस्ड रोड ऐसेट मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट) लाया गया। वर्ष 2018 में ओ०पी०आर०एम०सी० सेकंड फेज सात वर्षों के लिए लागू की गयी।
उन्होंने क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर मेंटेनेंस को लेकर सक्रिय एवं प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी जानकारी दी। ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पाल ने बिहार ग्रामीण पथ विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक लाख बीस हजार छह सौ किलोमीटर ग्रामीण पथ स्वीकृत हैं जिसमें एक लाख दो हजार किलोमीटर पथ निर्मित किया जा चुका है और अठारह हजार छह सौ किलोमीटर पथ निर्माणाधीन है। उन्होंने पथों के बेहतर मेंटेनेंस के लिए प्रभावी अनुश्रवण के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।
भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि ने सरकारी भवनों के मेंटेनेंस के संबंध में जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छी सड़कें, पुलों एवं भवनों का बेहतर निर्माण करने के साथ-साथ उसका ठीक ढंग से मेंटेनेंस करना भी हमलोगों का उद्देश्य है।
सड़कों की मेंटेनेंस पालिसी को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के दायरे में लाया गया है ताकि सड़कों के रखरखाव संबंधी लोगों के शिकायतों का निवारण हो सके। सड़कें मेंटेन रहेंगी तो अच्छी दिखेंगी और आवागमन भी सुलभ होगा।
मुख्यमंत्री का काम विभाग द्वारा ही किया जाय। पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग एवं भवन निर्माण विभाग जल्द से जल्द विभागीय अनुरक्षण नीति की कार्य योजना बनाये। विभाग के इंजीनियर पथों के मेंटेनेंस में सक्रिय भूमिका निभायें, इससे खर्च में कमी आएगी साथ ही कार्य की गुणवत्ता भी बेहतर होगी चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक निरीक्षण ठीक ढंग से करें विभागीय स्तर से सड़कों का बेहतर मेंटेनेंस किये जाने से इंजीनियरों की समाज में प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओ०पी०आर०एम०सी० के तहत जिन्हें मेंटेनेंस की जिम्मेवारी दी गयी है, उन सबकी सतत निगरानी करें मेंटेनेंस को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही न हो, जो भी इसमें लापरवाही बरतते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई करें पुलों का मेंटेनेंस हमेशा होना चाहिए। पथ निर्माण विभाग एवं ग्रामीण कार्य विभाग आपस में विचार कर ब्रिज मेंटेनेंस पालिसी जल्द तैयार करें। उन्होंने कहा कि पहले सरकारी भवनों की क्या स्थिति थी, यह सभी जानते हैं। हमलोगों ने इसे मेंटेन कर बेहतर बनाया है।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे,
जबकि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पाल, भवन निर्माण विभाग के सचिव श्री कुमार रवि सहित अन्य वरीय अधिकारी जुड़े हुए थे।
हाल ही की टिप्पणियाँ