3270 आयुष डॉक्टरां की नियुक्ति से संपूर्ण चिकित्सा पद्धति को मिलेगी बड़ी ताकत
पटना। ऐलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, योगा और सिद्धा के अलावे यूनानी चिकित्सा पद्धति भी प्राचीन पद्धति है। केंद्र और राज्य सरकार यूनानी पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए यूनानी चिकित्सा और शिक्षा व्यवस्था पर तेजी से काम रह रही है। अगले 30 से 45 दिनों में 3270 आयुष चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। इससे संपूर्ण चिकित्सा पद्धति को बहुत बड़ी ताकत मिलेगी। उक्त बातें स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने रविवार को तारा मंडल में एसोसिएशन ऑफ यूनानी फिजिशियन बिहार द्वारा आयोजित छठे विश्व यूनानी दिवस और कैंसर के प्रति जागरूकता कार्यक्रम पर कहीं।
श्री पांडेय ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास से 2014 में जहां केंद्र में आयुष मंत्रालय का गठन कर यूनानी पद्धति को जोड़ा गया, वहीं बिहार में इसके लिए 2018 में आयुष मिशन बनाया गया। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार न सिर्फ इसकी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं, बल्कि नये भवन और संसाधनों के लिए राशि भी मुहैया करवा रहे हैं। श्री पांडेय ने कहा कि 1926 में पटना में स्थापित राजकीय तिब्बी कॉलेज में भवन के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित की गई है। यूजी एवं पीजी सीटों की संख्या भी बढ़ायी गई है। 20-21 के सत्र में यूजी (अंडर ग्रेजुएट) सीटों की संख्या बढ़ाकर 125 की गई, जो देश में सर्वाधिक है। साथ ही पीजी (पोस्ट ग्रजुएट) के 31 सीटों पर नामांकन की स्वीकृति दी गई। कैंसर की रोकथाम और उसके समुचित इलाज के लिए भी स्वास्थ्य विभाग निरंतर काम कर रहा है।
इस असवर पर श्री पांडेय ने यूनानी शिक्षा के छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट देकर पुरस्कृत करने के साथ-साथ शोविनियर का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में प्रो. श्री ज़ुल्किफ्ल एन आई यूएम बैंगलोर, डॉ. मुहम्मद अंजार आलम, डॉ अरविंद कुमार, डॉ. रियाज अहमद एवं डॉ तनवीर अब्दुल मजीद, डॉ. शफात करीम ,सचिव डॉ. खालिद इकबाल ,समन्वयक डॉ. अब्दुल्ला अंसारी डॉ. खुर्शीद आलम अंसार और डॉ. मुहम्मद मसरूर हसन कासमी समेत अन्य यूनानी डॉक्टर उपस्थित थे।
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