लीना त्रिवेदी नेचरोपेथी, योग, मसाज, सूजोक, एकयुप्रेशर, वैकल्पिक चिकित्सा, काउंसेलींग, मोटीवेशनल ट्रेनींग के क्षेत्र में हम काफी सालों से जुड़ी हुई हैं।
वो इसमें निदान, सारवार, तालीम, सेमिनार, वेबीनार, कैम्प, ग्रुप योग कलास, पर्सनल योग कलास, योग शिबीर, कोँपोरेट और गवँनमेंट ट्रेनींग, विविध महत्वपूर्ण राष्ट्रीय दिन मनाना, भारत के विभिन्न प्राकृतिक चिकित्सा, योग, आयुँवेद, ध्यान केन्द्र की मुलाकात करना, आरोग्य संबंधित राष्ट्रीय कोंनफरेंस मैं शामिल होना आदि प्रवृत्तियां में सक्रिय है।
यह क्षेत्र में कायँ करने की प्रेरणा उनको तब हुइ, जब वो कुछ दिनों के लिए पहली बार एक नेचरोपैथी सेंटर (प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र) में विजिट के लिए गयी थी वहां पर उन्होंने इस अद्भुत चिकित्सा का अनुभव हुआ, की कैसे बिना किसी भी दवाइयों के प्राकृतिक उपचार के माध्यम से और किसी भी प्रकार के ऑपरेशन किये बिना प्राकृतिक तरीके से लोग ठीक हो रहे है, जो हमें बहुत ही सरल, सहज और असरकारक लगा।
उन्होंने देखा की यह वैज्ञानिक, पारंपरिक, प्राचीन, होलीष्टीक चिकित्सा पद्धति जो मूलभूत हमारे देश की ही घरोहर हैं, ये बात कहते हुए हमें बहुत ही गर्व हो रहा हैं…
लेकिन यह अमूल्य सारवार पद्धति का लाभ ज्यादातर आजकल विदेशी लोग ले रहे हैं और हमारे भारतीय लोग प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग से वंचित हैं और हम सब दवाइयों का सहारा ले रहे हैं।
तभी से उन्होंने ठान ली कि इसी क्षेत्र में हमें आगे बढ़ना है और वही से उनके जीवन का एक नया टर्निंग प्वाइंट शुरू हुआ था।
उन्होंने कहा की यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें
– हम खुद भी स्वस्थ रह सकते हैं और दूसरों का स्वास्थ्य भी ठीक कर सकते हैं।
– यह आम लोगों की घरेलु चिकित्सा भी हैं।
– यह चिकित्सा से कोइ साइड इफेकट या रीएकशन नही होता।
– यह चिकित्सा से रोगों को जड से दूर कर संपूर्ण निरामय बनाया जाता है, जिसे व्यक्ति सुखःमय और आनंदमय जीवन प्राप्त कर सकते हैं।
– आज तो प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग मैं बहुत ही अच्छा करीयर बना सकता है।
यह हमारा पेशन और मिशन भी है। समग्र भारतमे सही स्वास्थ्य की शिक्षा एवं उपचार देने का हमारा लक्ष्य हैं जो एक अच्छा प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग केंद्र स्थापित करके पूरा करने की कोशिश है। तो हम इसी क्षेत्र में हमारा पूरा जीवन समर्पित करना चाहते हैं।
(लीना त्रिवेदी)
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