राजनीति में प्रशांत किशोर के आने की आहट से बिहार की राजनीति गलियारों में सुगबुगाहट

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पटनाः राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर बहुत जल्द अपनी पार्टी का गठन कर सकते हैं. खास बात है कि वे इसकी शुरुआत बिहार से करेंगे. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर जैसे ही इसकी जानकारी दी तो सियासी गलियारे में कई तरह की चर्चा होने लगी. बीजेपी का कहना है कि राजनीति में सेवा करना पड़ता है तो वहीं आरजेडी का कहना है कि रणनीति बनाना और राजनीति करना दोनों में अंतर है. उधर जेडीयू का कहना है कि लोगों में पहले पहचान बनानी पड़ती है. पढ़िए प्रशांत किशोर को लेकर क्या कहते हैं एनडीए और बाकी दल के नेता.

बीजेपी के प्रवक्ता अरविंद सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर अभी तक सभी पार्टियों के लिए रणनीति बनाते रहे हैं और मेवा खाने का काम किया है. राजनीति में  सेवा करनी पड़ती है. पहले सेवा तब मेवा खाया जाता है. प्रशांत किशोर पहले जनता के बीच में जाएं. जनता में अपनी पहचान बनाएं. बिहार की जनता पहले उन्हें जाने कि प्रशांत किशोर कौन है.

विश्वास को जीतना पहला अध्यायः आरजेडी

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि राजनीति में आने के लिए रोक-टोक नहीं है. कोई भी पार्टी बना सकता है, लेकिन रणनीतिकार रहना और खुद राजनीति करना दोनों में अंतर है. जनता के विश्वास को जीतना राजनीति का सबसे पहला अध्याय है जिसमें तेजस्वी आगे हो चले हैं. जनता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है. प्रशांत किशोर बिहार में आएं उनका स्वागत है, लेकिन बिहार में तेजस्वी यादव के अलावा जनता के पास कोई विकल्प नहीं है.

पप्पू यादव ने दिया प्रशांत किशोर का साथ

जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि प्रशांत किशोर का निर्णय स्वागत योग्य है. बहुत अच्छा निर्णय उन्होंने लिया है. बिहार से राजनीति करते हैं तो मेरा पूरा सहयोग होगा. मैं 30 साल से संघर्ष कर रहा हूं. प्रशांत किशोर संघर्ष करेंगे तो उन्हें कामयाबी जरूर मिलेगी.

जनता के बीच पहचान बनानी पड़ती हैः जेडीयू

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कोई कहीं पर राजनीति शुरू कर सकता है. हम यह नहीं कह सकते हैं कि प्रशांत किशोर का निर्णय ठीक है या गलत, लेकिन जनता के बीच में जाने के लिए पहले जनता के बीच पहचान बनानी पड़ती है. प्रशांत किशोर जनता के बीच में नहीं हैं.  रणनीतिकार जरूर हैं, लेकिन उन्हें कई बार सफलता भी मिली है और कई बार निराशा भी हाथ लगी है.

उधर, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रवक्ता राजेश भट्ट ने कहा कि प्रशांत किशोर अभी तक तो लोगों को चुनाव जिताने का काम करते थे, लेकिन अब खुद के लिए राजनीति करेंगे. बिहार का हर वर्ग चिराग पासवान को अपना नेता मान चुका है. 2025 में चिराग पासवान को मुख्यमंत्री बनाने वाले हैं. ऐसे में प्रशांत किशोर का निर्णय कितना सही होगा यह कहना मुश्किल है.

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