नर्सिंग सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने पर विभाग का जोर छह महीने का मिलेगा स्टेट मिडवाइफरी एडुकेटर्स प्रशिक्षण.
पटना। स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि मातृ मृत्यु दर में कमी लाने, चिकित्सकों पर अतिरिक्त बोझ को हल्का एवं सम्मानजनक मातृ देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग नर्सेज के क्षमताववर्द्धन पर जोर दे रहा है। इस उद्देश्य के प्राप्ति हेतु राज्य से चयनित पांच स्टाफ नर्स ग्रेड ’ए’ एवं एक ट्यूटर को एनएमटीआई कस्तूरबा कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग, वर्धा, महाराष्ट्र में स्टेट मिडवाइफरी एडुकेटर्स का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण एक जून 2022 से शुरू है, जो अगले छह महीने तक चलेगा।
श्री पांडेय ने कहा कि उच्चस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्ति के उपरांत ये नर्सें बिहार के अन्य स्टाफ नर्स ग्रेड ’ए’ को नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफरी (एनपीएम) का प्रशिक्षण प्रदान करेंगीं। यह प्रशिक्षण 18 महीने तक चलेगा। आईजीआईएमएस स्थित स्टेट मिडवाइफरी ट्रेनिंग इंस्टीच्यूट में एनपीएम की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी। नर्स प्रैक्टिशनर मिडवाइफरी प्रशिक्षण के लिए पहले बैच में 30 स्टाफ नर्स ग्रेड ’ए’ का चयन किया जाएगा। चयन की प्रक्रिया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के मानकों के आधार पर किया जाएगा। प्रथम बैच के प्रशिक्षण खत्म होने के बाद अगले बैच के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ऐसे कई बैचों को आगे भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
श्री पांडेय ने कहा कि एनपीएम प्रशिक्षण के बाद ये सभी प्रशिक्षित नर्सें सतत नर्सिंग सेवाओं को प्रदान करेंगीं। इसमें सामान्य प्रसव को प्रोत्साहित करने, बिना जटिलता वाली प्रसव का बेहतर प्रबंधन करने एवं जटिल प्रसव को उच्च स्वास्थ्य संस्थानों में रेफर करना शामिल होगा। साथ ही प्रसव पूर्व देखभाल, प्रसव पश्चात देखभाल सहित परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाएंगीं। इससे राज्य के मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में स्टाफ नर्सेज का बेहतर क्षमतावर्द्धन कारगर साबित होगा। सम्मानजनक मातृ देखभाल को सुनिश्चित करना इनकी विशेष जिम्मेवारी होगी।
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