रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहारी कहा सुनकर खुशी होती है. विपश्यना पद्धति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, इसके लिए खासतौर पर सीएम नीतीश कुमार को आभार. बिहार हमेशा इतिहास रचता है. आज बिहार ने इतिहास रचा है.
पटना: बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह के संबोधन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहारी राष्ट्रपति के रूप में मुझे संबोधित किया रहे थे तो मैं अंदर से गदगद हो गया. बिहारी कहलाने पर मुझे गर्व होता है. राष्ट्रपति ने कहा कि राजेन्द्र प्रसाद की छोड़ी विरासत को संभालने की जिम्मेवारी मेरी है.
रामनाथ कोविंद ने कहा कि, चार सालों में स्टेट की जीडीपी में प्रभावशाली बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान मुख्यमंत्री के लंबे समय के कार्यकाल के बारे में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वह जब राज्यपाल थे तब भी उन्हें नीतीश कुमार का साथ मिला था.रामनाथ कोविंद ने छठ पूजा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि, बिहार का छठ पर्व अब पूरे देश में मनाया जा रहा है. छठ पर्व अब ग्लोबल हो गया है. आज दुनियाभर के लोग छठ पर्व मना रहे हैं. आज नवादा से न्यू जर्सी तक छठी मैया की पूजा की जाती है. आगामी त्योहारों के लिए बधाई देता हूं.
अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि, हमारे सचिवालय के लोग कहते हैं कि बिहार से आमंत्रण आये तो आप टालमटोल नहीं करते हैं. राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा बिहार से राज्यपाल से ही नाता नहीं है, बल्कि और कुछ है जिसे मैं ढूंढता रहता हूं.
दरअसल सीएम नीतीश ने राष्ट्रपति को बिहारी कहा था, उसके जवाब में रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिहारी कहा सुनकर खुशी होती है. विपश्यना पद्धति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाया है, इसके लिए खासतौर पर सीएम नीतीश कुमार को आभार. बिहार हमेशा इतिहास रचता है. आज बिहार ने इतिहास रचा है. बिहार विधानसभा ने 100 साल पूरे किये हैं. देश ने भी आज इतिहास रचा है. 100 करोड़ कोरोना वैक्सीनेशन का इतिहास, अबसे कुछ देर पहले रचा गया है.”बिहार आता हूं तो अच्छा लगता है. बिहार से अलग नाता लगता है. ऐसा लगता है घर आया हूं. बिहार लोकतंत्र की धरती है. यहां वैशाली में लोकतंत्र फला-फूला. इस धरती पर नालंदा, विक्रमशिला जैसे शिक्षण संस्थान थे तो यहां आर्यभट्ट और चाणक्य हुए. इस परंपरा को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी अब बिहार के लोगों की है.” – रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपतिराष्ट्रपति ने कहा कि, यह संयोग नहीं था कि संविधान सभा के अंतरिम अध्यक्ष डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा और स्थाई अध्यक्ष डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बिहार के थे. बिहार से ही जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र को दिशा दी. बिहार की धरती ने समतामूलक समाज की परंपरा स्थापित की है. बिहार में नीतीश कुमार ने सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का कीर्तिमान स्थापित किया है.बता दें कि, इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बिहार विधानसभा भवन (Bihar Assembly Bhawan) के शताब्दी समारोह में भाग लेने के लिए विधानसभा परिसर पहुंचे. जहां राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका स्वागत किया. राष्ट्रपति ने इस दौरान विधानसभा परिसर में महाबोधि वृक्ष का शिशु पौधा लगाया. राष्ट्रपति ने शताब्दी स्मृति स्तंभ के निर्माण का भी शिलान्यास किया.
राष्ट्रपति के दौरे को लेकर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए. प्रशासन की ओर से विधानसभा की ओर जाने वाली सड़कों को पूरी तरह से बंद कर कर दिया गया. राष्ट्रपति जब तक विधानसभा के अंदर रह, तब तक के लिए हार्डिंग रोड सहित कई रोड जो विधानसभा को जोड़ते हैं, उसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया.
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