केंद्रीय अमित शाह ने गुरूवार को बिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और महागठबंधन पर जमकर निशाना साधा। शाह ने कहा कि कांग्रेस पिछले 20 वर्षों से राहुल गांधी को ‘लॉन्च’ करने की कोशिश कर रही है.
कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी को ‘लॉन्च’ करने की कोशिशों के बार बार विफल होने का दावा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में जनता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी में से किसी एक को चुनना होगा।
बिहार के लखीसराय जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए, उन्होंने “भ्रष्ट” राजद से हाथ मिलाने के लिए भाजपा के पूर्व सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की और उन्होंने कुमार पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को “मूर्ख” बनाने का भी आरोप लगाया। शाह ने कहा, “2024 में, बिहार के लोगों को नरेन्द्र मोदी और राहुल के बीच एक विकल्प को चुनना होगा, जिन्हें कांग्रेस ने 20 बार लॉन्च करने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली।”
पिछले हफ्ते पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, “यह सच है कि 20 से अधिक पार्टियां एक साथ आने पर सहमत हुईं। लेकिन यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि ये दल मिलकर 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के घोटालों के लिए जिम्मेदार हैं।” बैठक की मेजबानी करने वाले जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए शाह ने उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बताया जो लगातार पाला बदलते रहते हैं और उन्हें बिहार चलाने की जिम्मेदारी नहीं सौंपी जा सकती।
शाह ने कहा, “कुमार प्रधानमंत्री पद की महत्वाकांक्षा पाले हुए हैं। लेकिन सच तो यह है कि वह प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं। वह केवल लालू जी को मूर्ख बना रहे हैं।” प्रसाद और कुमार ने जब हाथ मिलाया था तब संकेत इस बात के दिए गए थे कि वादे के अनुरूप अगले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी “नेतृत्व” करेंगे। फिलहाल तेजस्वी प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। शाह ने करीब 25 मिनट के अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की और हालिया विदेश दौरे में उन्हें मिले “सम्मान” का उल्लेख किया जहां “एक जगह उनके ऑटोग्राफ की मांग थी तो एक अन्य जगह उनके पैर छुए गए।”
गृहमंत्री ने कहा कि मोदी को विदेश दौरे पर मिला सम्मान, भाजपा का नहीं, बल्कि परोक्ष रूप से बिहार सहित देश की जनता को मिला सम्मान है। उन्होंने उरी सैन्य अड्डे पर हमले के बाद हुई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट हवाई हमले का भी उल्लेख किया और दावा किया कि यह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिक्रिया के बिल्कुल विपरीत था, जिनका शाह ने “मौनी बाबा” कहकर मजाक उड़ाया था।”
पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की भी बात कही। शाह ने अगस्त 2019 में (केंद्र) सरकार के कदम को याद करते हुए कहा, “ये सभी दल, कांग्रेस, जदयू, राजद और टीएमसी, कहते थे कि अगर हमने धारा 370 से छेड़छाड़ की तो सड़कों पर खून बहेगा। जम्मू-कश्मीर में कहीं भी एक कंकड़ तक नहीं फेंका गया।” भाजपा नेता, कुमार के बार-बार लगाए जाने वाले इस आरोप से भी नाराज दिखे कि मौजूदा सत्तारूढ़ सरकार ने कुछ भी हासिल नहीं किया है और वह प्रचार-प्रसार में व्यस्त है।
शाह ने कहा, “कुमार को उन लोगों के प्रति कुछ लिहाज रखना चाहिए जिनके साथ उन्होंने इतने लंबे समय तक गठबंधन किया था।” शाह ने बिहार के विकास में केंद्र के योगदान को रेखांकित करने के लिए आंकड़े पेश किए, जिसमें पटना मेट्रो और दरभंगा में प्रस्तावित एम्स जैसी परियोजनाओं का विशेष उल्लेख किया गया।
भाजपा नेता ने पिछले कुछ लोकसभा चुनावों में पार्टी और उसके सहयोगियों को उदारतापूर्वक वोट देने के लिए बिहार के लोगों को धन्यवाद दिया और उम्मीद जताई कि अगले चुनावों में राजग को राज्य की “सभी 40 सीटों” पर जीत मिलेगी। रैली को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय और अश्विनी चौबे सहित कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के अलावा पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी और राज्य इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी संबोधित किया।
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