वज्रपात के कारण होनेवाली मानव क्षति को कम करने हेतु तैयार की गई कार्य योजना की मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुति 

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मुख्य बिन्दु :

> आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी ढंग से राहत एवं बचाव

कार्यों के संचालन के लिए स्थायी तौर पर कार्य करें।

> एस0डी0आर0एफ0 में कर्मियों की संख्या और बढ़ाएं तथा

उनका बेहतर प्रशिक्षण कराएं।

> प्रभावित क्षेत्रों के आकलन के आधार पर स्थल चयन कर

रिस्पांस फैसिलिटी कम ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करें।

> वजपात से होनेवाली क्षति को कम करने के लिए कार्य करें।

> वज्रपात से सुरक्षा हेतु लोगों को जागरूक करने के लिये

व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं।

> उन्नयन बिहार के पाठ्यक्रम में वजपात से सुरक्षा संबंधित

जानकारी को भी शामिल करें।

पटना, 24 मार्च 2022 :- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग एवं बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने वज्रपात के कारण होनेवाली मानव क्षति को कम करने हेतु तैयार की गई कार्य योजना की प्रस्तुति दी।

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के लिए बनायी गई कार्य योजना, एस0डी0आर0एफ0 के आवासन की व्यवस्था आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार में बाढ़ आपदा के दौरान चलायी जानेवाली सामुदायिक किचन मॉडल की प्रशंसा की है।

बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से पिछले दो वर्षों में वज्रपात से होने वाली मृत्यु की जिलावार मासिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वज्रपात/ठनका से बचाव को लेकर जोखिम न्यूनीकरण योजना पर काम किया जा रहा है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हमेशा आपदा से प्रभावित रहता है, कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है। आपदा में किसी को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसका हमलोग पूरा ध्यान रखते हैं। एन0डी0आर0एफ0 की टीम को हमलोगों ने राज्य में मंगवाया और उनके आवासन एवं अन्य सुविधाओं की बेहतर व्यवस्था की। एसण्डी0आर0एफ0 का भी गठन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी ढंग से राहत एवं बचाव कार्यों के संचालन के लिए स्थायी तौर पर कार्य करें। किए गए पुराने कार्यों एवं अनुभव को ध्यान में रखते हुए कार्य योजना बनाकर काम करें। उन्होंने कहा कि एस0डी0आर0एफ0 में कर्मियों की संख्या और बढ़ाएं तथा उनका बेहतर प्रशिक्षण कराएं। पिछले 14 वर्षों में प्रभावित क्षेत्रों के आकलन के आधार पर स्थल चयन कर रिस्पांस फैसिलिटी कम ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना करें ताकि आपदा की स्थिति में जल्द से जल्द लोगों को राहत मिल सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वजपात से होनेवाली क्षति को कम करने के लिए कार्य करें। वज्रपात से सुरक्षा हेतु लोगों को जागरूक करने के लिये व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं। बच्चे एवं बच्चियों को सरल भाषा में इसके संबंध में जानकारी दें। उन्होंने कहा कि उन्नयन बिहार के पाठ्यक्रम में वज्रपात से सुरक्षा से संबंधित जानकारी को भी शामिल करें।

बैठक में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री उदयकांत मिश्रा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री पी०एन० राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री एस० सिद्धार्थ, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य श्री मनीष कुमार वर्मा, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।

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