विजय सिन्हा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार और उसकी शक्तियों की जानकारी सभी को है. आसन से इसका दुरुपयोग ना हो, हम इसलिए मर्यादा का सिर्फ पालन करते हैं. लोग इसको हल्के में ना लें.
पटना: थानेदार की मनमानी से नाराज बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) का गुस्सा ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा. शनिवार को उन्होंने अपने पद के पॉवर और अधिकार को याद दिलाते हुए वैसे लोगों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है, जो उन्हें अंडरएस्टिमेट करते रहे. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार और उसकी शक्तियों की जानकारी सभी को है. आसन से इसका दुरुपयोग ना हो, हम इसलिए मर्यादा का सिर्फ पालन करते हैं. लोग यदि इसको हल्के में लेंगे तो यह उनके लिए उचित नहीं होगा. कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति कर कुशासन लाने और कुशासन के मनोबल को बढ़ाने का खेल बिहार में बंद करना होगा.
सरकार चिन्हित कर करे कार्रवाई
उन्होंने कहा, ” कई बार बैठकों में इस संबंध में चर्चा हुई है. सभी पदाधिकारियों को इमानदारी से काम करना होगा. अगर वे गड़बड़ी करेंगे तो ये बर्दाश्त से बाहर है. ऐसे सभी लोग जो काम के नाम पर केवल खानापूर्ती कर रहे हैं, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करे. समय आ गया है कि राज्य में एक सही वातावरण स्थापित किया जाए.”
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सरस्वती पूजा के अवसर पर लखीसराय के अलग-अलग गांव में पूजा के दूसरे दिन आर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया था. इस दौरान स्थानीय लोगों ने बार बालाओं के साथ जमकर ठुमके लगाए. वहीं, हथियार के प्रदर्शन के साथ-साथ नर्तकी पर पैसे की बरसात भी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
इधर, वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ ही दो वैसे लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जो केवल आर्केस्ट्रा देखने गए थे. वहीं, फिर उनसे जबरन जुर्म कबूलने को भी कहा. साथ ही पैसे देकर जमानत दे देने की बात कही. इस बात के सामने आने के बाद विधानसभा अध्यक्ष आग बबूला हो गए और पुलिस को फटकार लगाई.
कड़े शब्दों में दी थी चेतावनी
उन्होंने कहा कि राज्य में सुशासन लागू करना पुलिस की जिम्मेदारी है. इसका मतलब ये नहीं है कि वो लोगों के मन में खौफ पैदा करें और गलत तरीके से काम करें. अगर ऐसा किया गया तो कार्रवाई होगी. मैं लखीसराय को चारागाह नहीं बनने दूंगा. मैं विधानसभा अध्यक्ष बाद में हूं, पहले क्षेत्र का जनप्रतिनिधि हूं. ऐसे में जरूरत पड़ी तो विधानसभा में कमेटी बनाकर जांच कराई जाएगी. वहीं, जो जनप्रतिनिधि ये मुद्दा उठाएंगे उनकी बात को गंभीरता से सुना जाएगा.
हाल ही की टिप्पणियाँ