विधानसभा में 20,531 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पेश, समग्र शिक्षा अभियान पर 4441 करोड़, पटना मेट्रो रेल परियोजना पर 1 हजार करोड़ होंगे खर्च,

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पटना। सोमवार को बिहार विधानमंडल का शीतकालीन शुरू हो गया है। पहले दिन विधानसभा में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 20,531 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पेश किया। इसमें वार्षिक योजना मद में 12 हजार 120 करोड़, स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद में 8 हजार 373 करोड़ तो केंद्रीय क्षेत्र स्कीम मद में 37 करोड़ 47 लाख खर्च होंगे। विधान परिषद में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने व्यय-विवरणी पेश किया। चालू सत्र में ही इस पर वाद-विवाद होगा, जिसके बाद यह सदन में पारित होगा। सदन की मुहर लगने के बाद चालू वित्तीय वर्ष में सरकार इस राशि को खर्च करेगी।
सदन में पेश व्यय-विवरणी के अनुसार सबसे अधिक राशि 4,441 करोड़ समग्र शिक्षा अभियान मद में खर्च होंगे। वहीं 242 करोड़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, 235 करोड़ मध्याह्न भोजन योजना, 150 करोड़ त्वरित सिंचाई लाभ व बाढ़ प्रबंधन, 54 करोड़ 54 लाख पीएम आवास ग्रामीण योजना, 28 करोड़ 75 लाख पीएम कृषि सिंचाई योजना तो 25 करोड़ 43 लाख पॉक्सो एक्ट के तहत फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के गठन पर खर्च होगा। वहीं 1,035 करोड़ नाबार्ड संपोषित गंगा जल उद्वह योजना, एक हजार करोड़ पटना मेट्रो रेल परियोजना, 635 करोड़ सीएम बालिका प्रोत्साहन योजना, 550 करोड़ सीएम ग्राम सम्पर्क योजना, 433 करोड़ सीएम बालिका स्नातक प्रोत्साहन, 400 करोड़ सड़कों व पुलों के निर्माण, 315 करोड़ बिहार राज्य आवास बोर्ड से जमीन लेने और 219 करोड़ बाढ़ नियंत्रण कार्य मद में खर्च होंगे।
वहीं, वार्षिक स्कीम में ही 150 करोड़ औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 149 करोड़ राज्य के विश्वविद्यालयों के विकास, 123 करोड़ सीएम बालिका पोशाक योजना, 100 करोड़ सीएम शहरी नली-गली पक्कीकरण निश्चय, 95 करोड़ सीएम नल-जल निश्चय योजना, 91 करोड़ माध्यमिक विद्यालयों का उन्नयन, 87 करोड़ 78 लाख ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना, 65 करोड़ सीएम बाल आश्रय विकास, 63 करोड़ सीएम वृद्धजन पेंशन, 61 करोड़ 95 लाख सीएम प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना, 61 करोड़ 82 लाख ममता कार्यकर्ता के मानदेय और 54 करोड़ 72 लाख सीएम बालिका साईकिल योजना मद में खर्च होंगे।
स्थापना मद के तहत 2130 करोड़ षष्ठम वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत पंचायती राज संस्थाओं पर खर्च होंगे, जबकि 1445 करोड़ 33 लाख शहरी निकायों में खर्च होंगे। 1182 करोड़ 34 लाख प्राकृतिक विपदा, 904 करोड़ 47 लाख स्वास्थ्य प्रक्षेत्र के तहत पंचायती राज संस्थाओं, 884 करोड़ वित्त संपोषित महाविद्यालय, 554 करोड़ 56 लाख स्वास्थ्य विभाग के अधीन वेतनादि, वजीफा तो 547 करोड़ राज्य के विभिन्न विश्विद्यालयों में खर्च होंगे। इसी तरह 212 करोड़ 84 लाख स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में शहरी निकायों तो 140 करोड़ पंचायती निर्वाचन में खर्च होंगे। वहीं, केंद्रीय स्कीम में अतिरिक्त प्रावधान के तहत 37 करोड़ की राशि जनगणना के लिए प्रस्तावित किया गया है।

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