पुलिस विधेयक का विरोध करने वाले आज सत्ता में, कानून गलत था तो उसे वापस लेने हेतु अब पहल क्यों नहीं कर रहे- नेता प्रतिपक्ष
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने संविधान दिवस के अवसर पर बयान जारी कर कहा कि विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका द्वारा संविधान का सम्मान होना चाहिए। अब एक परिपाटी बन गई है कि राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीतियां संविधान सम्मत नहीं रहती है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संविधान की धाराओं से अलग हटकर राज्य द्वारा कानून बनाए जाने पर उसकी न्यायिक समीक्षा का प्रावधान है। हाल ही में न्यायालय एवं संविधान की उपेक्षा कर बिहार में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी की गई थी जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा रोक लगा दिया गया।
श्री सिन्हा ने कहा कि वर्ष 2021 में सरकार द्वारा जो पुलिस विधेयक बिहार विधानसभा में पेश किया गया था वह काला कानून के समान था। अगर सरकार माननीय सदस्यों की मांगों पर उसे लोकमत जानने, प्रवर समिति को सौंपने अथवा अन्य उपबंधो के अधीन परिचारित कराती तो सदन के अंदर एवं बाहर ही अप्रिय घटना को रोका जा सकता था। राज्य के लोगों की नजर में सदन की गरिमा गिरी थी। श्री सिन्हा ने कहा कि उस समय पुलिस विधेयक का विरोध करने वाले लोग आज सत्ता में है। उनकी नजर में यदि पुलिस विधेयक गलत कानून है तो उसे वापस लेने हेतु पहल क्यों नहीं कर रहे है।
श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि राज्य में लोगों की संविधान में रुचि पैदा करने एवं इसकी जानकारी देने हेतु सरकार को विशेष प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार बिना गुण दोष की समीक्षा किए बहुमत के आधार पर विधेयक को पारित कराने हेतु अडी रहती है। फलस्वरूप बिहार में बार-बार उसमें संशोधन कराना पड़ता है। शराबबंदी हेतु पारित विधेयक इसका जीवंत उदाहरण है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वे जब विधानसभा अध्यक्ष थे तो उन्होंने संविधान दिवस मनाने की परंपरा की शुरुआत की थी। इस परंपरा को आगे बढ़ाया जाना चाहिये और इसका विस्तार पंचायत की ईकाई तक होनी चाहिये। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे लोगों को वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांतों पर चलना चाहिए। स्वार्थ और अहंकार का त्याग कर गैर संवैधानिक कार्य से बचते हुये लोक हित में उत्कृष्ट उदाहरण पेश करने की भावना को प्रबल करने की जरुरत है
हाल ही की टिप्पणियाँ